करप्शन और बुराईयों के ख़ातमा के लिए ख़ौफ़ ख़ुदा ज़रूरी

हम्नाबाद, 19 दिसंबर, ( फैक्स ) इंसानी ज़िंदगी में आज माद्दापरस्ती‍ और्-उल-हादी नज़रियात की वजह से जो हमागीर फ़साद रौनुमा हुआ है ये तक़ाज़ा कर रहा है कि वहदत इलाही , वहदत इंसानियत तसव्वुर आख़िरत और इलाही निज़ाम की बुनियाद पर मुआशरा की तामीर-ए-नौ की जाये। क़ानून अगरचे एक ज़रूरत है मगर इस से अख़लाक़-ओ-किरदार तशकील नहीं पाता। जिस क़ानून के पीछे मज़बूत मुहर्रिक, फ़लसफ़ा या तर्बीयत ना हो वहां कोई मुफ़ीद नतीजा बरामद नहीं हो सकता। करप्शन की बुनियादी वजह ख़ुदा शऊरी-ओ-ख़ुदा ख़ौफ़ी की कमी और अपने आमाल की जवाबदेही के एहसास का फ़ुक़दान है।

जब तक ज़मीर को ताक़तवर ना बनाया जाय और अंदर के इंसान की मज़बूती-ओ-तर्बीयत पर तवज्जा ना दी जाय इस पर क़ाबू पाना मुम्किन नहीं है। करप्शन के जुर्म-ओ-गुनाह होने के तसव्वुर को आम करना बहुत ज़रूरी है। इन ख़्यालात का इज़हार हम्ना आबाद में जमात-ए-इस्लामी हिंद की रियासत गीर मुहिम बुराईयों से पाक समाज की जानिब, और करप्शन का ख़ातमा कैसे हो? के उनवान से मौलाना हामिद मुहम्मद ख़ान सदर मूमैंट फ़ार पीस ऐंड जस्टिस हैदराबाद आंधरा प्रदेश कर रहे थे। उन्हों ने अना हज़ारे की तहरीक जो करप्शन के ख़िलाफ़ ज़ोरों पर है इस की हिमायत की और अना हज़ारे को अवाम के जज़बात का नुमाइंदा क़रार दिया। उन्हों ने कहा कि अना की तहरीक सिर्फ़ करप्शन के ख़िलाफ़ है हालाँकि इस के ख़ातमा के लिए लोगों के दिलों और उन की अंदरूनी कैफ़ीयत को बुराईयों और शर से पाक करना है। इस लिए कि फ़र्द की इस्लाह ही समाज और मुल़्क की इस्लाह है क्योंकि नाजायज़ ख़ाहिशात की तकमील केलिए जुस्तजू ही इंसान को मुजरिम बना देती है।क़ब्लअज़ीं इजलास का आग़ाज़ हाफ़िज़ नसीर उद्दीन की केरा॔त कलाम पाक मआ तर्जुमा से हुआ। हम्द बारी ताला बिरादर सैयद मुज़म्मिल ने पेश किया। इफ़्तिताही कलिमात मुहम्मद इफ़्तिख़ार अहमद सदर ज़िलई आईटा ने पेश किये।इस के इलावा मेहमान मुक़र्रर जनाब मुहम्मद मुजाहिद पाशा क़ुरैशी ने ख़िताब करते हुए कहा कि जहेज़ की लानत, ड्रग्स और शराब का इस्तिमाल, मीडीया के ज़रीया अर यानीत, इंटरनैट और मोबाईल के ज़रीया फ़हश कारी, समाज को बुराईयों के दलदल में फंसा रही है जिस से अफ़राद मसाइल में उलझ रहे हैं।

इलावा अज़ीं सैयद ज़ाकिर हुसैन ने बज़बान कंट्रा ख़िताब किया। हाफ़िज़ सय्यद कलीम‍ उल्लाह अमीर मुक़ामी जमात-ए-इस्लामी हिंद के इलावा अबदुलक़ादिर इ‍ंजीनियर ने भी ख़िताब किया। कन्वीनर के फ़राइज़ जनाब मुहम्मद मुजीब उद्दीन ने अदा किये। वाज़िह रहे कि नमाज़ जुमा के बाद इस मुहिम के तनाज़ुर में जमात-ए-इस्लामी हम्ना आबाद की जानिब से एक रिया ली निकाली गई जो शहर की अहम शाहराहों से गुज़र कर तहसील ऑफ़िस पहुंची जहां तहसीलदार हम्ना आबाद को याददाश्त पेश की गई। इस मौक़ा पर मोअज़्ज़िज़ीन शहर में अबदुलक़ादिर चौधरी, मुहम्मद मुस्तफ़ा, मुहम्मद रोशन ख़ान के इलावा स्कूली तलबा-ए-और कॉलिज के तलबा-ए-और बुज़ुर्गों और नौजवानों की कसीर तादाद मौजूद थी।