कराँची के साहिल से मिलने वाली व्हेल शार्क को महफ़ूज़ बनाने का अमल शुरू

कराँची के साहिल समुंद्र से मिलनी वाली व्हेल शार्क को ईस्लामाबाद के म्यूज़ीयम आफ़ नेचुरल हिस्ट्री में लाकर उसे उसकी असल हालत में महफ़ूज़ बनाने का अमल शुरू कर दिया गया है। म्यूज़ीयम इंतिज़ामीया का कहना है कि ये अमल 6 माह में मुकम्मल होगा।

ईस्लामाबाद के म्यूज़ीयम आफ़ नेचुरल हिस्ट्री में लाई गई व्हेल शार्क को म्यूज़ीयम के अहाते में गढ़ाकोद कर केमीकल्स लगाए गए हैं। व्हेल शार्क को 3 माह तक ख़ुश्क होने के लिए रखा जाएगा जबकि 6 माह बाद उसे म्यूज़ीयम में नुमाइश के लिए रख दिया जाएगा। म्यूज़ीयम इंतिज़ामीया के मुताबिक़ पाकिस्तानी तारीख़ में पहली मर्तबा 42 फुट लंबी व्हेल शार्क को महफ़ूज़ किया जाएगा, उसकी जल्द और ढाँचे को महफ़ूज़ बनाया जाएगा जबकि इस के 1500 अंडे भी कीमीयाई अमल से बचाए जा सकेंगे ।

कराँची के साहिल समुंद्र से मिलनी वाली व्हेल शार्क को ईस्लामाबाद के म्यूज़ीयम आफ़ नेचुरल हिस्ट्री में लाकर उसे उसकी असल हालत में महफ़ूज़ बनाने का अमल शुरू कर दिया गया है। म्यूज़ीयम इंतिज़ामीया का कहना है कि ये अमल 6 माह में मुकम्मल होगा।

ईस्लामाबाद के म्यूज़ीयम आफ़ नेचुरल हिस्ट्री में लाई गई व्हेल शार्क को म्यूज़ीयम के अहाते में गढ़ाकोद कर केमीकल्स लगाए गए हैं। व्हेल शार्क को 3 माह तक ख़ुश्क होने के लिए रखा जाएगा जबकि 6 माह बाद उसे म्यूज़ीयम में नुमाइश के लिए रख दिया जाएगा। म्यूज़ीयम इंतिज़ामीया के मुताबिक़ पाकिस्तानी तारीख़ में पहली मर्तबा 42 फुट लंबी व्हेल शार्क को महफ़ूज़ किया जाएगा, उसकी जल्द और ढाँचे को महफ़ूज़ बनाया जाएगा जबकि इस के 1500 अंडे भी कीमीयाई अमल से बचाए जा सकेंगे ।