सूबा सिंध के महकमा सक़ाफ़त ने नैशनल म्यूज़ीयम कराची को अनमोल बना दिया है। ठट्ठा की तारीख़ी शाहजहाँ मस्जिद के 350 साल क़दीम पत्थरों को कराची मुंतक़िल करके म्यूज़ीयम के दाख़िली दरवाज़े पर बिलकुल वैसा ही दरवाज़ा तामीर कर दिया गया है जैसा शाहजहाँ ने मस्जिद की तामीर के वक़्त तामीर किराया था। वही रंग और रूप, वही मख़सूस मुग़्लिया दौर का तर्ज़े तामीर।
महकमा सक़ाफ़त का ये इक़दाम वाक़ई काबिले सताइश और अनमोल है। इस से सूबे की सक़ाफ़त को फ़रोग़ मिलेगा और नई नसल को उसे समझने और देखने का क़ीमती मौक़ा।
वज़ीरे आला सिंध सैयद क़ायम अली शाह की मुआविन ख़ुसूसी बराए सक़ाफ़त और सयाहत शर्मीला फ़ारूक़ी जिन्हों ने बाक़ायदा इस दरवाज़े का इफ़्तिताह किया, उनका कहना है कराची म्यूज़ीयम का मर्कज़ी गेट शाहजहाँ मस्जिद के 350 साल क़दीम पत्थरों से सिर्फ आठ माह की मुख़्तसर मुद्दत में तामीर किया गया है।
अगले मरहले में पक्का क़िला और क़िलारिनी कोट को बहाल किया जाएगा। इन इक़दामात का मक़सद सक़ाफ़त को फ़रोग़ देना है।