करिश्मा! बिना सरजरी लड़की बनी लड़का

बोकारो: इसे कुदरत का करिश्मा कहें या फिर हार्मोन का बदलाव …मगरिबी बंगाल के आसनसोल की साकिन एक लड़की बिना किसी सर्जरी के दो सालों में लड़का बन गई। मामले को देख डाक्टर भी हैरतअंगेज़ हैं और किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। झारखंड के बोकारो जिले के गोमिया डिविजन वाके सौदागर मुहल्ला में उसका ननिहाल है। फिलहाल वह अपने वालिद हैदर अली के साथ आसनसोल में रह रही है।

लड़की के मामू शाहिद इकबाल ने बताया कि हामिया नाज के जिस्म में 15 साल की उम्र में बदलाव शुरू हुआ। अब वह 17 साल की हो चुकी है और पूरी तरह लड़के की शक्ल में तब्दील हो चुकी है। उसने अपना नाम भी हामिया नाज की जगह सरवर हैदर रख लिया है।

बावजूद इसके उसे अपनी पहचान बनाने के लिए कड़ी जद्दो ज़हद करना पड़ रहा है। हामिया नाज ने जब मैट्रिक की इम्तेहान दी थी तब उसकी उम्र 15 साल थी। मैट्रिक पास करने के बाद इंटरमीडिएट में दाखिला लेते वक्त हामिया नाज उर्फ सरवर हैदर को परेशानी आई।

मैट्रिक के एडमिट कार्ड में उसकी तस्वीर एक लड़की की है, लेकिन अब वह पूरी तरह से लड़का बन चुकी है। दाखिला करने वाले मुलाज़िम ने उसे मेडिकल बोर्ड से अपनी पहचान की तस्दीक कराने को कहा है। इसके बाद सिविल सर्जन की देखरेख में मेडिकल बोर्ड तश्कील कर उसकी जांच की गई।

जांच टीम के मुतबैक , 15 साल तक उसका जिस्म ख्वातीन जैसी रही। 16वें साल से उसमें बदलाव आया और मर्द की तरह होने लगे। जांच में पता चला कि उसमें मर्दो के लक्षण ज़्यादा हैं। मेडिकल बोर्ड में शामिल डॉ. एके सिंह एवं डॉ. नीकेत चौधरी ने बताया कि हार्मोनिकल प्रॉब्लम के सबब इस तरह का जिस्मानी बदलाव होता है। उसके हार्मोन को जांच के लिए बाहर भेजा गया है। रिपोर्ट आने पर सही तौर पर तस्दीक हो सकेगी।

बोकारो सिविल सर्जन डॉ. शशिभूषण प्रसाद ने बताया कि जांच के लिए मैंने मेडिकल टीम तश्कील की है। जिंसी तरक्की पूरी तरह नहीं होने की वजह से बचपन में पता नहीं चल सका होगा कि वह लड़का है या लड़की। सदर अस्पताल के डीएस डॉ. अर्जुन प्रसाद ने बताया कि अल्ट्रासाउंड व दूसरे टेस्ट के बाद पता चला कि हैदर 80 फीसद मर्द है, लेकिन जब तक Chromosomes की पूरी तरह जांच न हो, कुछ कहा नहीं जा सकता है। उसके पेट में Uterus यानी बच्चादानी नहीं है। इसलिए ऑपरेशन के बाद उसे पूरी तरह मर्द बनाया जा सकता है।

——————बशुक्रिया: जागरण