रुकने पार्लियामेंट पूनम प्रभाकर ने कहा कि करीमनगर में 30 जनवरी 2014 को पासपोर्ट दफ़्तर का इफ़्तेताह होगा।
वज़ीर ख़ारिजा सलमान ख़ूर्शीद ने पासपोर्ट दफ़्तर की इमारत के लिए 18 लाख रुपये जारी करदिए हैं। उन्होंने बताया कि 2009 के आम चुनाव के दौरान मैंने अवाम से जो वाअदा किए थे और जो तयक़नात दिए थे इन सभी की तकमील करदी हैं।
वो साल 2013 के आख़िरी दिन् इंदिरा गार्डन करीमनगर में मुनाक़िदा तक़रीब को मुख़ातब कर रहे थे , जिस का एहतेमाम उन्होंने अपने हलक़ा पार्लियामेंट के सियासी क़ाइदीन-ओ-सहाफ़ीयों से मुलाक़ात के लिए किया था।
उन्होंने बताया कि फरवरी में कमलापुर में एच्च बी सी एल कंपनी और एल पी जी बॉटल यूनिट का क़ियाम अमल में आएगा। इस सिलसिले में मार्कफेड की 10 अकऱ् अराज़ी दे दी गई है।
इसी तरह करीमनगर में अनक़रीब आई टी पार्क का क़ियाम अमल में आएगा। इस ताल्लुक़ से ज़िला आई टी वज़ीर पोनला लकशमया ने इक़दामात आग़ाज़ करदिया है।
उन्होंने बताया कि 5 साल से गली से दिल्ली तक तेलंगाना रियासत के क़ियाम के सिलसिले में जद्द-ओ-जहद करने पर बिल असेंबली में पहूंच चुका है।
उन्होंने बताया कि पार्लियामेंट में पहूंचने के बाद मैंने कभी भी अपने हलके की अवाम को फ़रामोश नहीं किया। अवामी मसाइल की यकसूई के लिए पार्लियामेंट मीटिंग में सवालात उठाने वाले मैंबरान में मेरा दसवां मुक़ाम है।
पार्लियामेंट मीटिंगें में मेरी हाज़िरी 88 फ़ीसद रही है। पूरे मुल्क के 543 अरकाने पार्लियामेंट में मेरा तीसरा मुक़ाम रहा है। हुसूले तेलंगाना के लिए मैंने पार्लियामेंट का तीन मर्तबा बाईकॉट किया जिस की वजह से हाज़िरी में कमी हुई है।
आज़ादी के बाद से आज तक कभी भी मर्कज़ी-ओ-रियासती फंड्स इतने ज़्यादा तरक़्क़ियाती प्रोग्राम अंजाम नहीं दिए गए जितनी मेरी अपनी मीआद के दौरान अंजाम दिए गए।
सिरिसिल्ला बाफ़िंदों के लिए कपड़ों की तैयारी के मशीनों को असरी बनाने के लिए 45 करोड़ रुपये का क़र्ज़ मंज़ूर किया गया। पदापली , निज़ामबाद रेलवे लाएँ के तामीरी कामों के लिए काफ़ी रक़म मंज़ूर की गई है।
रेलवे के दुसरे काम करवाए गए हैं। 435 करोड़ रुपये के क़र्ज़ से सड़कों को तरक़्क़ी दी गई है। 251.44 करोड़ रुपये पीने के पानी की सकिमात पर ख़र्च किए गए हैं।
किसानों की तरक़्क़ी के लिए 118 करोड़ तिब्बी सहूलतों पर 43.08 करोड़ रुपये की मंज़ूरी दिलवाई गई है। देही आबरसानी की मुख़्तलिफ़ सकिमात पर 180.63 करोड़ रुपये ख़र्च किए गए हैं।
एफ एम रेडियो सेंटर मर्कज़ी तालीम इदारा जात बीड़ी मज़दूरों की तरक़्क़ियाती प्रोग्राम तिब्बी सहूलतों की फ़राहमी , सरकारी दवाख़ाने में नर्सिंग कॉलेज का क़ियाम , शातावाहना यूनीवर्सिटी में फ़ूड प्रोसेसिंग के निसाब की शुरूआत की कोशिश में कामयाबी हासिल करली है।