कर्नल क़ज़ाफ़ी को फ़्रांस के खु़फ़ीया एजेंट ने क़त्ल किया

लंदन, ०२ अक्टूबर ( पी टी आई ) फ़्रांस के एक खु़फ़ीया एजेंट ने लीबिया के साबिक़ (पूर्व) हुकमरान कर्नल मुअम्मर क़ज़ाफ़ी को गोली मार कर हलाक कर दिया था ना कि बागियों के एक ग्रुप ने कर्नल क़ज़ाफ़ी के सरत शहर में एक पाइप में छिपे होने का पता चला था । अख़बार डेली मेल ने इत्तिला दी है कि फ़्रांस का एक खु़फ़ीया एजेंट 20 अक्टूबर 2011 को लीबियाई लीडर को घेर लेने वाले हुजूम (भीड़) में घुस गया था और उन के सर पर गोली चला दी थी ।

अख़बार मज़कूर ने लीबिया में सिफ़ारती ज़राए के हवाले से कहा कि इस कार्रवाई का मक़सद ये था कि क़ज़ाफ़ी से नकोलस सरकोज़ी के साथ इंतिहाई मुश्तबा ताल्लुक़ात से मुताल्लिक़ पूछताछ ना होने पाए जो उस वक़्त फ़्रांस के सदर थे । अख़बार ने कहा कि एक मौक़ा पर सरकोज़ी ने क़ज़ाफ़ी के दौरा पेरिस के मौक़ा पर उन्हें लीडर भाई क़रार दिया था ये इल्ज़ाम भी है कि उन्होंने कर्नल क़ज़ाफ़ी से कई मिलियन डॉलर्स की रक़म हासिल की थी ताकि 2007 की इंतिख़ाबी मुहिम ( चुनाव अभियान) केलिए ख़र्च किया जा सके ।

अख़बार ने इद्दिआ ( दावा) किया कि साबिक़ वज़ीर आज़म बर्तानिया टोनी ब्लेअर भी मुसलसल क़ज़ाफ़ी से राबिता में रहा करते थे और कई बिलियन पाउंड्स की कारोबारी मुआमलत को क़तईयत देने में मदद कर रहे थे । इटालवी अख़बार ने भी तहरीर ( प्रकाशित) किया है कि फ़्रांस का खु़फ़ीया एजेंट नकोलस सरकोज़ी के हंगामी अहकाम पर काम कर रहा था ।

क़ज़ाफ़ी के क़त्ल में फ़्रांसीसी एजेंट के रोल की इत्तिलाआत ( खबर/ सूचना) की महमूद जिब्रईल ने भी ताईद ( समर्थन) की है । महमूद जिब्रईल ने लीबिया में क़ज़ाफ़ी की बेदखली के बाद उबूरी हुकूमत की क़ियादत (Leadership) की थी । इस दौरान ये भी इन्किशाफ़ 9 ज़ाहिर) हुआ है कि क़ज़ाफ़ी का उन के सेटेलाईट मुवासलाती (satellite communication) निज़ाम (प्रबंध) से पता चलाया गया था जब उन्होंने शाम ( Syria) के सदर बशर अल असद से बात की थी । नाटो माहिरीन ( Expert) इन दो अरब क़ाइदीन ( लीडर) के माबेन ( बीच) राबतों ( संबंधो‍) पर नज़र रखे हुए थे ताकि क़ज़ाफ़ी का पता चलाया जा सके ।