कर्नाटक असेंबली में अपोज़ीशन बी जे पी अरकान ने हुक्मराँ जमात कांग्रेस के ऐम एलए जिन्हें अपने दीगर 6 साथियों के साथ फ़ौजदारी मुआमला का सामना है जो आधी रात के वक़्त एक शराब ख़ाने में हुई झड़प के दौरान दो पुलिस कांस्टेबल्स की पिटाई के बाद दर्ज किया गया।
इस मुआमला को उठाते हुए बी जे पी क़ाइद जगदीश शीटर ने कहा कि कांग्रेस ऐम एलए विजय आनंद कैश पनावर का रवैया इंतिहाई क़ाबिल एतराज़ और काबिल-ए-मुज़म्मत था और मुतालिबा किया कि उसे फ़ौरी गिरफ़्तार किया जाये जबकि उन्होंने हुकूमत पर विजय आनंद का दिफ़ा करने का इल्ज़ाम भी आइद किया।
विजय आनंद और उनके छः साथियों पर ये इल्ज़ाम है कि उन्होंने कांस्टेबल्स किरण कुमार और प्रशांत नायक को एक आला दर्जा के शराब ख़ाने में उस वक़्त ज़द्द-ओ-कूब किया जब आधी रात गुज़रने के बावजूद जारी पार्टी रोकने की कोशिश की गई। शेयर ने कहा कि हुकूमत विजय आनंद को गिरफ़्तार ना करते हुए दरअसल इसका दिफ़ा कररही है।
इसके ग़ैर ज़िम्मा दाराना बरताव से पुलिस फ़ोर्स की तौहीन हुई है। हुकूमत का फ़र्ज़ है कि वो विजय आनंद को ढूंढ निकाले और इसके ख़िलाफ़ मुआमला दर्ज करे। शेयर ने कहा कि स्पीकर खोगोडोथमपाको भी वकफ़ा-ए-सवालात से क़बल इस मुआमला पर मुबाहिसा करवाना चाहिए क्योंकि ये एक संगीन मुआमला है।
इस तरह ऐवान में शदीद शोर-ओ-गुल पैदा होगया जहां विजय आनंद और इस के छः साथियों की गिरफ़्तारी का मुतालिबा शिद्दत इख़तियार कर गया जिस के बाद कर्नाटक असेंबली सैशन को 7 जुलाई तक रद कर दिया गया। इस मुआमला को वकफ़ा-ए-सवालात से क़बल उठाने के मुतालिबा पर वज़ीर-ए-आला सदा रामिया ने कहा कि असेंबली के आदाब हमें बी जे पी से सीखने की ज़रूरत नहीं जिनके अरकान फ़हश फ़िल्म देखते हुए पाए गए थे।
ये रिमार्क दरअसल इस वाक़िया की जानिब इशारा था जब कर्नाटक में बी जे पी की हुकूमत के दौरान कुछ ऐम एल एज़ अपने मोबाईल फ़ोन पर फ़हश फ़िल्म के हिस्से देखते हुए पाए गए थे।