हुबली, 28 अप्रैल (पी टी आई) चीफ़ मिनिस्टर कर्नाटक जगदीश के असास की क़दर में उनकी अहलिया शिलपा के मुक़ाबिल चार गुना इज़ाफ़ा हुआ है, लेकिन यहां काग़ज़ात-ए-नामज़दगी के साथ दाख़िल करदा उनके हलफ़नामे को देखा जाये तो वो हक़ीक़ी मायनों में अपनी शरीक-ए-हयात और अपने भाई प्रदीप के मक़रूज़ हैं।
हलफनामे में बताया गया कि जो 5 मई के असेम्बली ज़ुनाव में यहां एक हलक़े से पांचवीं जीत के लिए कोशां हैं, उन्हें 18.97 लाख रुपय का क़र्ज़ है। उन्हें अपने फ़ैमिली मेम्बरस को 7.51 लाख रुपय और भाई प्रदीप को 4.5 लाख रुपय अदा करना है।
उन्होंने अपनी अहलिया से भी 6.96 लाख रुपय क़र्ज़ लिया है। हलफनामे के मुताबिक़ पिछ्ले पाँच बरसों में जगदिश के असासों की क़दर क़ाबिल लिहाज़ इज़ाफे़ पर ज़ाइद अज़ चार गुना बढ़ी है और उनकी अहलिया के मामले में दो गुना इज़ाफ़ा बताया गया।
जगदिश के असासों की क़दर बढ़ कर 4.44 करोड़ रुपय होगई, जो 2008-ए-में 99.42 लाख रुपय थी। उनकी शरीक-ए-हयात 2008 में 21.06 लाख रुपय के मुक़ाबिल अब 43.18 लाख रुपय मालियत के असासों की हामिल हैं।
जगदिश की मनक़ूला जायदादें 2008 में 78 लाख रुपय मालियत की थीं, जो 3.46 करोड़ रुपय तक पहुंच गई है। और उनकी फ़ैमिली ने जिस के पास अब कोई गाड़ियां नहीं, 1,310 ग्राम सोने की वही मिक़दार बरक़रार रखी है जैसा कि इस के पास 2008 में हुआ करती थी।