कर्नाटक बी जे पी में बोहरान(में बड गइ मूश्किलें) , यदि यूरप्पा का कांग्रेस की जानिब झुकाव‌

* सोनीया गांधी की ज़बरदस्त सताइश(तारिफ) , चीफ़ मिनिस्टर सदानंद गौड़ पर धोका दही का इल्ज़ाम , हालात को बेहतर(शांती शाली) बनाने पार्टी क़ियादत की मसाई(कोशीशें)
बैंगलुर । साबिक़(पुर्व) चीफ़ मिनिस्टर बी एस यदि यूरप्पा ने आज सदर कांग्रेस सोनीया गांधी और कांग्रेस की सताइश(तारीफ) की। उन्हों ने बी जे पी क़ियादत पर दरपर्दा तन्क़ीद(छीपे शब्दों में आलोचना) की जबकि कर्नाटक में पार्टी के बोहरान को दूर करने के लिए मुसालहती इक़दामात शुरू कर दिए गए हैं(सुलह सफाइ की कोशीशें शूरु करदी हैं) ।

अपने जांनशीन सदानंद गौड़ा पर शदीद तन्क़ीद(सख्त आलोच्ना) करते हुए यदि यूरप्पा ने उन्हें ग़द्दार क़रार दिया कि वो 6 माह के अंदर चीफ़ मिनिस्टर की कुर्सी छोड़ देने का वाय‌दा करने के बावजूद एसा नहीं किया । उन्हों ने कहा था कि गुज़श्ता(पीछ्ली) जुलाई में लोक आयोकत रिपोर्ट पर उन के इस्तीफ़ा(रीझाइन देने) के बाद वो उन्हें दुबारा चीफ़ मिनिस्टर बनाने के लिए राह हमवार(कोशीशें) करेंगे । इसी दौरान सदानंद गौड़ा बोहरान पर तबादला-ए-ख़्याल(बात चित‌) करने के लिए दिल्ली पहूंच गए हैं ।

उन्हों ने पार्टी के सदर नितीन गडकरी और दीगर(दूसरे) आला क़ाइदीन(बडे लीडरों) से मुलाक़ात करने का फ़ैसला किया है । 9 वुज़रा ने यदि यूरप्पा की हिमायत करते हुए अपने इस्तीफ़े पेश कर दिए थे । रियास्ती बी जे पी सदर के एस इश्वर पा बोहरान को दूर करने के लिए मुसालहती इक़दामात कर रहे हैं(सुलह सफाइ की कोशीशें कर रहे हैं) ।

उन्हों ने पार्टी के मज़बूत लीडर से एक घंटा तवील(लंबी) बातचीत की । यदि यूरप्पा ने इश्वर पा की मुसालहती कोशिशों(सुलह सफाइ की कोशीशें) को भी मुस्तर्द(रद) कर दिया। यदि यूरप्पा को गै़रक़ानूनी कानकनी(कान खुदाइ) के सिलसिले में लोक आयोकत रिपोर्ट में माख़ूज़ किए जाने(पकडे जाने) की वजह से गुज़श्ता(पिछले) साल जुलाई में चीफ़ मिनिस्टर के ओहदा से मुस्ताफ़ी होना(रीझाइन देना) पड़ा था।

यदि यूरप्पा ने ख़ुद अपनी पार्टी पर एसे वक़्त तन्क़ीद की जब कि बी जे पी उन के वफ़ादार 9 वुज़रा के मुस्ताफ़ी होने(रीझाइन देने) की वजह से बोहरान(परेशानीयों) का शिकार है। यदि यूरप्पा ने कहा कि वो सोनीया गांधी की तारीफ़ किए बगै़र नहीं रह सकते क्योंकि उन्हों ने ये बात नोट की है कि कांग्रेस पार्टी और इस के कारकुन मुत्तहिद(एक) हैं और जब उन की पार्टी के अरकान(सदस्य) मुश्किलात में घिरे होते हैं तो वो उन की ख़बरगीरी करते हैं। वो एक दूसरे की मदद करते हुए मस्लें हल कर लेते हैं।

उन्हों ने बी जे पी पर ब्रहमी(गुस्सा) ज़ाहिर करते हुए जिस वक़्त वो मुश्किलात का शिकार थे , पार्टी ने उन की कोई मदद नहीं की।