बेंगलूर,24 जनवरी: कर्नाटक में बी जे पी हुकूमत आज ताज़ा बोहरान का शिकार हो गई। साबिक़ चीफ़ मिनिस्टर बी ऐस यदियूरप्पा के वफ़ादार दो वुज़रा ने अपना इस्तीफ़ा दे दिया है, जबकि मज़ीद ग्यारह अरकान असेम्बली इस्तीफ़ा देने के लिए तैयार हैं। पब्लिक वर्क़्स के वज़ीर सी एम उदासी और वज़ीर-ए-तवानाई शोभा करंदलजे ने चीफ़ मिनिस्टर जगदीश शटर को अपने इस्तीफ़े पेश करने के फ़ौरी बाद इन दोनों वुज़रा ने दीगर ग्यारह अरकान एसेम्बली से मिल कर एसेम्बली स्पीकर के दफ़्तर पहूंचे और अपना इस्तीफ़ा पेश कर दिया।
इस बारे में ना तो स्पीकर के. जी. भूपिया जो तर्क मुस्तक़र किए हुए हैं और ना ही असेम्बली लेजसलीचर सेक्यूरिटी ओम प्रकाश उस वक़्त चैंबर में मौजूद थे। जब अरकान असेम्बली चैंबर में पहूंचे तो वहां कोई नहीं था, ये लोग वहां एक घंटे तक इंतिज़ार करते रहे। बेचैन यदियूरप्पा भी वहां पहूंच गए और ज़ोर दे कर कहा कि अब जगदीश शटर हुकूमत अक़ल्लीयत में आगई है।
दिन भर चले ड्रामा के दौरान एहतिजाजी अरकान असेम्बली ने इसरार किया कि असेम्बली सेक्यूरिटी के बाअज़ ओहदेदार उन के मकतूब इस्तीफ़ा को क़ुबूल करें या उन्हें तसदीकी मकतूब दें कि वो उन के इस्तीफ़े क़ुबूल करने का इख़तियार नहीं रखते। एसेम्बली जनरल सेक्यूरिटी जया तीर्थ गलाली ने अरकान असेम्बली से कहा कि जॉइंट सेक्यूरिटी की हैसियत से में उन के इस्तीफ़े क़ुबूल नहीं करसकता, बराह-ए-करम जब स्पीकर अपने चैंबर में हों तो आएं और इस्तीफ़ा पेश करें।
यदियूरप्पा जिन्होंने हाल ही में अपनी कर्नाटक जनता पार्टी क़ायम की है, कहा कि शटर हुकूमत बहुत जल्द ख़त्म होजाएगी, उसे अब इक़तिदार पर रहने का कोई हक़ नहीं है। इस बेशरम की हुकूमत को गवर्नर से मुलाक़ात करके अपना इस्तीफ़ा देना चाहीए। दरीं असना दो बी जे पी वुज़रा के इस्तीफ़ा और मज़ीद 11 अरकान असेम्बली की जानिब से अपनी असेम्बली रुकनीयत छोड़ देने के फैसले के पस मंज़र में गवर्नर कर्नाटक एच आर भ्रदवाज ने आज कहा कि अगर रियासत में दस्तूरी बोहरान पैदा होता है तो वो कार्रवाई करने तयार है।
उन्होंने यहां एक तक़रीब में अख़बारी नुमाइंदों को बताया कि रियासत में किसी भी किस्म का दस्तूरी बोहरान पैदा होने पर वो अपनी दस्तूरी ज़िम्मेदारी निभाएंगे। ताहम भ्रदवाज ने कहा कि वो जगदीश शटर हुकूमत को परेशानी में डालना नहीं चाहेंगे। उन्होंने बताया कि वो कल शटार से बात करचुके हैं और चीफ मिनिस्टर ने कहा कि उन की हुकूमत के लिए कोई मसला नहीं है। गवर्नर ने कहा कि शटार ने उन्हें यक़ीन दिलाया कि वो मुनासिब अंदाज़ में हुकूमत चला रहे हैं और जराइम और करप्शन को घटाने का वादा किया। गवर्नर ने मज़ीद कहा कि यही हुकूमत की ज़िम्मेदारी है।