यूँ तो महिला अधिकारों के बारे में लगभग सभी अभिनेता बोलते रहते हैं, लेकिन शाहरुख़ खान एक ऐसे अभिनेता हैं, जो इस मुद्दे पर सबसे खुले तौर पर और लगातार अपने विचार ज़ाहिर करते रहते हैं। बंगलुरु में हुयी शर्मनाक घटना की भी उन्होंने बेहद कड़ी निंदा की थी।
ख़ास बात यह है कि शाहरुख़ इन मुद्दों पर सिर्फ बातें नहीं करते बल्कि इन पर अम्ल भी करते हैं। अपने दोनों बेटों – आर्यन और अब्रम की परवरिश में भी उन्होंने इन बातों का ख़ास खयाल रखा है।
फेमिना मैगज़ीन को दिए एक इंटरव्यू में शाहरुख ने कहा, “मैं अपने बेटों से हमेशा कहता हूँ कि उन्हें किसी भी महिला को नुक्सान नहीं पहुँचाना चाहिए। अगर कभी उन्होंने ऐसा किया तो मैं तुम्हारा सर कलम कर दूंगा।”
उन्होंने आर्यन से यह भी कहा कि वह लड़कियों से तू तड़ाक से बात न करे। “ ‘तू पिज़्ज़ा ले आ, तू इधर आ’ यह औरतों से बात करने का तरीका नहीं है। उन्हें इज्ज़त दीजिये,” उन्होंने कहा।
शाहरुख़ इन बातों का ध्यान सिर्फ व्यक्तिगत जीवन में ही नहीं बल्कि प्रोफेशनल जीवन में भी ख्याल रखते हैं। वे उन फिल्मो में काम करने से मना कर देते हैं जिनमें महिलाओं की इज्ज़त नहीं होती। फिल्म जब तक है जान से एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, “आदित्य चोपड़ा और मेरी हमेशा उन डायलॉग पर लड़ाई होती थी जिनमें मुझे अपनी माँ को पंजाबी में तू कहना होता था। मैं अपनी माँ को तू कैसे कर सकता हूँ – लेकिन उन्होंने मुझे इस फिल्म में ऐसा कहने के लिए मजबूर किया।”
इस इंटरव्यू में उन्होंने उन लड़कों के लिए भी कुछ बातें कही जो उनकी बेटी को डेट करना चाहते हैं। “काम ढूँढो, और यह समझो की तुम मुझे पसंद नहीं हो, जो कुछ तुम उसके साथ करोगे वही मैं तुम्हारे साथ करूँगा,” उन्होंने कहा की मेरी बेटी से मिलने से पहले लड़कों को यह बातें याद रखना बहुत ज़रूरी है।