तमिलनाडु : तमिलनाडु की एक मुस्लिम संस्था ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति और प्रख्यात वैज्ञानिक स्वर्गीय एपीजे अब्दुल कलाम की मूर्ति बनाए जाने का विरोध किया है. जमातुल उलेमा काउंसिल का तर्क है कि कलाम मुसलमान थे, इसलिए उनकी मूर्ति नहीं बननी चाहिए.
संस्था का कहना है कि शरीयत के मुताबिक इस्लाम में मूर्ति पूजा नहीं की जा सकती है, ऐसे में अब्दुल कलाम की प्रतिमा बनाया जाना गलत है. मालूम हो कि अब्दुल कलाम को उनके उनके पैतृक जिले रामनाथपुरम के रामेश्वरम में दफनाया गया था. भारत सरकार उसी जगह पर उनकी मूर्ति और स्मारक बनवा रही है.
अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ के मुताबिक मुस्लिम संस्था ने कलाम की मूर्ति बनने से रोकने के लिए उनके परिवार से भी बात की है. कलाम के नाती एपीजेए सलीम ने बताया कि मुस्लिम संस्था की ओर से परिवार से गुज़ारिश की गई है कि वे मूर्ति निर्माण का विरोध करें.
संस्था के अध्यक्ष ए वलीयुल्ला नूरी का कहना है कि कलाम चाहते थे कि युवा कुछ बड़ा करने के सपने देखें और उन्हें हकीकत में बदलें. ऐसे में कलाम की इच्छा को पूरा करना उन्हें सम्मान देने का सबसे अच्छा तरीका है. अच्छा यही होगा कि कलाम के भारत को मजबूत करने के विजन के साथ चला जाए.