इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) को लेकर मचे शोर से गुरुवार को काउंटिंग के दौरान हिंसा या गड़बड़ी की आशंका को लेकर गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को आगाह किया है। इसके अलावा, कुछ तबकों द्वारा हिंसा भड़काने वाले बयानों के मद्देनजर केंद्र ने सभी राज्यों से काउंटिंग स्थल और ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम्स की सुरक्षा बढ़ाने के लिए पर्याप्त कदम उठाने को कहा है।
गृह मंत्रालय ने कल काउंटिंग के दिन देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंसा भड़कने की आशंका के मद्देनजर सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस प्रमुखों को आगाह किया है। मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कानून और व्यवस्था व शांति बनाए रखने को कहा है।
इसके अलावा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से स्ट्रॉन्ग रूम्स व काउंटिंग सेंटरों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए पर्याप्त कदम उठाने को कहा गया है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि कई तबकों द्वारा हिंसा भड़काने वाले बयान और मतगणना के दिन अव्यवस्था या गड़बड़ी फैलाने की बात कही गई है।
Ministry of Home Affairs alerts the State Chief Secretaries & DsGP
regarding possibility of eruption of violence in different parts of the
country in connection with the counting of votes tomorrow. MHA
asks States and UTs to maintain law & order, peace & public tranquility. pic.twitter.com/0rZ9TNsC2b— ANI (@ANI) May 22, 2019
बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को बेहद भड़काऊ बयान दिया था। ईवीएम से कथित छेड़छाड़ और कथित स्वैपिंग को लेकर कुशवाहा ने कहा था कि अगर ऐसा हुआ तो सड़कों पर खून बहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हथियार उठाने की जरूरत पड़ी तो लोग हथियार उठाएंगे। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर भी कुछ अराजक और शरारती तत्वों द्वारा हिंसा भड़काने वाले पोस्ट शेयर किए जा रहे हैं। कुछ में तो लोगों से ईवीएम से लदी गाड़ियों को आदमियों समेत फूंकने तक की भड़काऊ अपीलें की गई हैं।
बता दें कि लोकसभा के चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई तक 7 चरणों में संपन्न हुए। पश्चिम बंगाल को छोड़कर ज्यादातर राज्यों में चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हुए। सभी एग्जिट पोल्स में एक बार फिर से एनडीए सरकार की भविष्यवाणी की गई है। गुरुवार को मतगणना होनी है, लेकिन उससे पहले ही विपक्ष ने ईवीएम के साथ कथित छेड़छाड़ का मुद्दा छेड़ दिया है। विपक्ष ने सभी VVPAT पर्चियों की चुनाव आयोग से मांग की थी, जिसे आयोग ने खारिज कर दिया था।
इससे पहले, विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि काउंटिंग के दिन 50 प्रतिशत VVPAT पर्चियों की गिनती का ईवीएम में दर्ज वोटों से मिलान की जाए। सुप्रीम कोर्ट भी इस मांग को खारिज कर दिया है। मंगलवार को 22 विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से मुलाकात कर काउंटिंग के दिन ईवीएम में दर्ज वोटों की गणना से पहले हर असेंबली सेगमेंट की 5 VVPAT पर्चियों की EVM में दर्ज वोटों से मिलान की मांग की थी। हालांकि, आज आयोग ने इस मांग को भी खारिज कर दिया। विपक्ष ने EC के सामने यह भी मांग की थी कि अगर एक भी बूथ पर EVM में दर्ज वोट और VVPAT पर्चियों की काउंटिंग मिसमैच हुई तो संबंधित विधानसभा की सभी VVPAT पर्चियां गिनी जाएं।
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग काउंटिंग के दौरान हर लोकसभा क्षेत्र की प्रत्येक असेंबली सेगमेंट की एक के बजाय 5 बूथों की वीवीपैट पर्चियों की ईवीएम से मिलान का निर्देश दिया था। मिलान के लिए VVPAT का चुनाव बिना किसी क्रम का होगा यानी रैंडमली (यादृच्छिक रूप से) होगा। बता दें कि ईवीएम पर सवाल उठने के बाद वोटिंग प्रक्रिया की पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए इस बार पहली बार किसी लोकसभा चुनाव में हर ईवीएम के साथ VVPAT अनिवार्य किया गया था। कोई भी वोटर ईवीएम में अपने पसंदीदा उम्मीदवार या दल को वोट देने के कुछ सेकंड बाद VVPAT के स्क्रीन पर कुछ देर के लिए यह देख सकता है कि उसका वोट किसे गया है। VVPAT मशीन से उसी से संबंधित एक पर्ची उसके भीतर बने बॉक्स में गिरती है।