अक़वाम-ए-मुत्तहिदा , १० अक्तूबर (पी टी आई) अक़वाम-ए-मुत्तहिदा (संयुक़्त राष्ट्र/ UN) में हिंदूस्तान और पाकिस्तान के दरमियान एक बार फिर मसला कश्मीर (कशमीर समस्या) पर लफ़्ज़ी जंग ( spar/ तू – तू मैं – मैं) देखी गई। ईस्लामाबाद ने इस मसला ( समस्या) पर बाअज़ मुतनाज़ा ( वाद विवाद किए) हवाले दीए।
आलमी इदारे ( अंतर्राष्ट्रीय संगठन) में इसी मौज़ू ( विषय) पर एक हफ़्ता क़बल दोनों ममालिक ( देशों) के दरमियान लफ़्ज़ी तकरार हुई थी। पाकिस्तान के नायब मुस्तक़िल नुमाइंदा रज़ा बशीर तर्रार ने कहा कि जम्मू-ओ-कश्मीर के तनाज़ा( झगड़े) की क़रारदाद (Resolution /प्रस्ताव) के बगैर अक़वाम-ए-मुत्तहिदा का नौ आबादयाती ( Demographic/ जनसांख्यिकीय पक्ष का) एजंडा नामुकम्मल होगा।
कल इसी मौज़ू ( विषय) पर ख़ुसूसी सयासी मुबाहिस ( बहसे) हुए थे। इन का कहना था कि पाकिस्तान तमाम फ़रीक़ैन ( दोनो दल) के लिए काबिल-ए-क़बूल हल निकालते हुए मसला की पुरअमन यकसूई ( शांती) का ख़ाहां है। ख़ासकर जम्मू-ओ-कश्मीर के अवाम के लिए जो कुछ काबिल-ए-क़बूल हल होगा उस को तलाश करने का पाकिस्तान पाबंद अहद दै
हिंदूस्तान की जानिब से नुमाइंदगी ( प्रतिनिधित्व/Representation) करते हुए अक़वाम-ए-मुत्तहिदा में हिंदूस्तानी मिशन के मोतमिद (Secretary) अव्वल प्रकाश गुप्ता ने कहा कि पाकिस्तान ने फिर एक मर्तबा अफ़सोसनाक तरीका से जम्मू-ओ-कश्मीर का मसला उठाया है ।
उन्होंने कहा कि कश्मीर हिंदूस्तान का अटूट हिस्सा है। हम इस मौज़ू ( विषय) पर पाकिस्तान के इस्तिदलाल (तर्क/ दलील) को मुस्तर्द ( रद्द) करते हैं। पाकिस्तान के वफ़द ( मंत्री मडल) ने जो कुछ तब्सिरे किए हैं वो नाक़ाबिल-ए-क़बूल हैं। इनकी जानिब से कश्मीर का जो मसला उठाया गया है वो इस कमेटी के लिए गैर मुताल्लिक़ा और सरासर बेअमल है।
हिंदूस्तानी दस्तूर ने अपने तमाम शहरियों को बुनियादी हुक़ूक़ की ज़मानत दी है। जम्मू-ओ-कश्मीर के अवाम ने भी एक से ज़ाइद ( ज़्यादा/ अधिक) मर्तबा खुले दिल से इस बात का इज़हार किया है कि वो इस रियासत में पुरअमन तरीका से रहने को तरजीह (प्राथमिकता/ Priority) देते हैं।
जमहूरी अवामिल के साथ वो ख़ुद को महफ़ूज़ महसूस करते हैं। इसी मुल्क में वो रहने को तरजीह देंगे । इस के जवाब में रज़ा बशीर तर्रार ने फिर एक बार मसला उठाया और कहा कि हिंदूस्तानी नुमाइंदों (Representatives) ने नामाक़ूल बात कही है कि नौ आबादियात के मौज़ू पर जम्मू-ओ-कश्मीर का तनाज़ा बहस के लिए गैर कारआमद है।
उन्होंने दावा किया कि जम्मू-ओ-कश्मीर हिंदूस्तान का ना तो अटूट हिस्सा है और ना ही रहेगा। हिंदूस्तान ने क़तई अल्फ़ाज़ उस वक़्त कहे जब उसे दूसरी मर्तबा पाकिस्तान के मुतनाज़ा हवालों का जवाब देने का मौक़ा मिला। प्रकाश गुप्ता ने कहा कि जम्मू-ओ-कश्मीर हमेशा हिंदूस्तान अटूट हिस्सा रहा है।
हम जम्मू-ओ-कश्मीर से मुताल्लिक़ (संबंधित) नाक़ाबिल-ए-क़बूल हवालों को यकसर मुस्तर्द ( रद्द) करते हैं क्योंकि ये मौज़ू ( विषय) इस कमेटी के लिए कारगर नहीं है। दोनों मुल्कों के दरमियान ताज़ा लफ़्ज़ी जंग गुज़शता हफ़्ते भी हुई थी जब वज़ीर ख़ारिजा एस एम कृष्णा ने ज़ोर दे कर कहा था कि जम्मू-ओ-कश्मीर हिंदूस्तान का अटूट हिस्सा है।
उन्होंने इस मौज़ू पर सदर पाकिस्तान आसिफ़ अली ज़रदारी के दीए गए बयान को गैर ज़रूरी क़रार दिया था । जनरल असैंबली से ख़िताब करते हुए आसिफ़ ज़रदारी ने कहा था कि कश्मीर अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के सिस्टम की नाकामी की अलामत ( पहचान) है।