कश्मीरियों के लिए आवाज उठाना मेरा दायित्व – नवाज शरीफ

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक बार फिर भारत को उकसाने की कोशिश करते हुए आज कहा कि कश्मीर के उत्पीड़ित लोगों की आवाज बनना उनका दायित्व है और वह घाटी के लोगों की स्थिति के बारे में विश्व को समझाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे।

शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र की आगामी महासभा की तैयारी के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में विदेश मामलों पर उनके सलाहकार सरताज अजीज, विदेश मामलों पर विशेष सहायक तारिक फातमी, विदेश सचिव ऐजाज अहमद चौधरी, संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी और अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत जलील अब्बास जिलानी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

शरीफ के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि बैठक में संयुक्त राष्ट्र महासभा के अगले सत्र में शामिल किये जाने वाले एजेंडा की समीक्षा की गई, जिसमें शरीफ के हिस्सा लेने की उम्मीद है। शरीफ ने कहा, ‘पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में कश्मीरियों की आवाज बनना मेरा दायित्व है जिन्हें कश्मीर में उत्पीड़ित किया गया है।

मैं कश्मीर के लोगों की स्थिति और उनके वैध संघर्ष के बारे में विश्व को समझाने में कोई भी कसर नहीं छोडूंगा।’ बैठक में यह माना गया कि कश्मीर संयुक्त राष्ट्र का अधूरा एजेंडा है और तदनुसार भारत को यह समझना चाहिए कि कश्मीर उसका आंतरिक मामला नहीं है, इसके बजाय वह क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय है।

शरीफ ने कहा कि कश्मीरियों को आत्मनिर्णय के अधिकार से इनकार संयुक्त राष्ट्र की लगातार असफलताओं में से एक है। बयान के अनुसार शरीफ ने बैठक में कहा, ‘आत्मनिर्णय का अधिकार कश्मीरियों का मूल अधिकार है और हम कश्मीरियों को उनका यह अधिकार दिलाने के लिए सभी प्रयास करेंगे।’