श्रीनगर: वादी कश्मीर में बेघर हुए कश्मीरी पंडितों के लिए ‘टाउनशिप’ बनाए जाने के मरकज़ी हुकूमत की तजवीज के खिलाफ जुमे के रोज़ किए गए एहतिजाजी मुज़ाहिरा के दौरान अलहैदगीपसंद लीडर यासीन मलिक की गिरफ्तारी के बाद भड़के जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के हामियों व सेक्युरिटी फोर्स के बीच झड़प में दो दर्जन से ज़्यादा लोग ज़ख्मी हो गए।
पुलिस आफीसरों व ऐनीशाहिदीनो के मुताबिक, जेकेएलएफ हामियों के पथराव के बाद पुलिस व सीआरपीएफ ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।
जुमे की नमाज के बाद मलिक की कियादत में जेकेएलएफ के दर्जनों हामियों ने मैसुमा से शहर के बीच वाके लाल चौक की ओर एक मुखालिफ मार्च की शुरुआत की।
जब मुज़ाहिरीन लाल चौक से थोड़ी दूर वाके ताज होटल के करीब पहुंचे, तो पुलिस ने उन्हें रोका और मलिक को हिरासत में ले लिया। इसके बाद मुज़ाहिरिनी गुस्सा गए।
बेघर हुए कश्मीरी पंडितों को वादी में फिर से बसाने के लिए रियासती हुकूमत की तरफ से टाउनशिप की तंसीब के लिए जमीन देने के बयान का एहतिजाज करते हुए जेकेएलएफ ने एहतिजाजी मुज़ाहिरा और लाल चौक पर धरने का ऐलान किया है।
मलिक का कहना है कि इस तरह के टाउनशिप से वादी में हिंदू व मुस्लिम फिर्के के बीच अलगाव बढ़ेगा और गाजा जैसे हालात पैदा होगी।
वहीं अपने बयान से पलटते हुए जुमेरात के रोज़ रियासत के वज़ीर ए आला मुफ्ती मोहम्मद सईद ने ऐलान किया है कि वादी में पंडितों को बसाने के लिए किसी टाउनशिप की मुहिम नहीं है।
उन्होंने कहा कि साल 1989 में अलहैदगी पसंद मुहिम भड़कने के बाद कश्मीर वादी छोड़ने वाले कश्मीरी पंडितों को आब व अजदाद की जमीन पर लौटने का हक है।
सईद के बयान के बावजूद मरकज़ी वज़ीर ए दाखिला राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में दोहराया कि वादी में कश्मीरी पंडितों को फिर से बसाने के लिए टाउनशिप तंसीब की जाएगी।
काबिल ए जिक्र है कि जम्मू और कश्मीर में मुफ्ती मोहम्मद सईद की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मिलकर इत्तेहाद वाली हुकूमत चला रहे हैं।