कश्मीरी पंडितों को मुसलमानों के साथ रहना चाहिए

श्रीनगर

अपोज़ीशन नेशनल कान्फ़्रेंस ने कहा है कि हुकूमत जम्मू-ओ-कश्मीर को हरगिज़ ये इजाज़त नहीं दी जाएगी कि कश्मीरी पंडितों के लिए अलाहदा बस्तीयां क़ायम करे लेकिन ये कोशिश की जाएगी कि अक़ल्लीयती फ़िर्क़ावादी में अपने आबाई मुक़ामात बहिफ़ाज़त वापिस आजाए।

रियासती हुकूमत की नई तक़र्रुत पालिसी के ख़िलाफ़ एहतेजाज के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए नेशनल कान्फ़्रेंस जनरल सैक्रेटरी अली मुहम्मद सागर ने कहा कि हम कश्मीरी पंडितों के लिए अलाहदा बस्तीयों के क़ियाम के ख़िलाफ़ हैं लेकिन हम कश्मीरी पंडितों की वापसी का ख़ैरमक़दम करते हैं।

उन्होंने कहा कि नेशनल कान्फ़्रेंस की ये देरीना ख़ाहिश है कि कश्मीरी पण्डित वादी को बखु़शी वापिस आएं और अपने मुस्लिम भाईयों के साथ आबाई मुक़ामात पर सुकूनत इख़तियार करें। नई तक़र्रुत पालिसी पर मिस्टर सागर ने कहा कि ये रियासती नौजवानों के साथ नाइंसाफ़ी पर मबनी है।

चूँकि बेरोज़गारी एक संगीन मसला है और नई पालिसी पर अमल पैरा होने से ये मसला शिद्दत इख़तियार कर जायेगा जिस के ख़िलाफ़ एहतेजाज के साथ क़ानूनी चाराजोई की जाएगी। जुनूबी कश्मीर में हुर्रियत सदर नशीन सय्यद अली शाह गिलानी की रैली में पाकिस्तानी पर्चम लहराने के वाक़िया पर मिस्टर सागर ने कहा कि ये कोई क़ाबिल तज़किरा वाक़िया नहीं है क्योंकि साबिक़ में भी इस तरह के पर्चम लहराए गए थे।