कश्मीरी मुसलमान हमारे शरीर का अभिन्न अंग, उनके दुख के उन्मूलन के लिए विशेष प्रार्थनाओं की अपील: मौलाना नसरुद्दीन

हैदराबाद। मौलाना नसीरुद्दीन वहदत इस्लामी के नाजिम ने एक बयान में कश्मीरी मुसलमानों की पीड़ा के उन्मूलन के लिए जुमा के अवसर पर विशेष प्रार्थनाओं की अपील की है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि कश्मीरी मुसलमान हमारे शरीर का अभिन्न हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि आज फिलिस्तीन कश्मीर के मुसलमानों की दुर्दशा पर हमारे दिल उनके दुख को महसूस करते हैं और यह मिल्ली हिमायत का तकाजा है कि उनकी पीड़ा के उन्मूलन के लिए कम से कम उनके पक्ष में दुआएं की जाएं।

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उन्होंने कहा कि डेढ़ महीने से क्रनोल में घिरे कश्मीरी मुसलमान आखिर कैसे जीवन गुज़ार रहे होंगे। जिनके अज़ीज़ों की जानें सेक्यूरिटी की कथित गोलीबारी में बर्बाद हो गईं वे कितने दुखी होंगे ‘जो पैलेट गन से दृष्टि से वंचित हो गए उनके जीवन अपच हो गई है और युवाओं का भविष्य अंधकारमय है।
मौलाना नसीरुद्दीन ने आरोप लगाया कि इन स्थितियों को बदलने की कोई मसाई नहीं किया जा रहा है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि आज हालात ऐसे बना दिए गए हैं कि कश्मीरियों की पीड़ा पर बोलने वाले को देशद्रोह जैसे आरोप की संज्ञा दी जा रही है हालांकि अगर कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है तो कश्मीरी जनता की पीड़ा पर प्रतिक्रिया व्यक्त देशद्रोह के दायरे में कैसे आएगा। हाल यह है कि एमनेस्टी इंटरनेशनल पर गददारी का मामला दायर कर दिया गया और बहुत अफसोस कि बात यह है कि इस काम को कर्नाटक में धर्मनिरपेक्षता का दम भरने वाली कांग्रेस सरकार ने किया है।