कश्मीरी शॉल को पैलेट गन से सजा कर छात्रों ने दिखाई घाटी की स्तिथि

जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के एक छात्र द्वारा अपने फाइन आर्ट्स के कार्य से वहां की स्तिथि को दर्शाया गया। कश्मीर की मशहूर शॉल इन दिनों पैलेट गन से सज कर घाटी का संकट से भरे जीवन को दर्शाती है। शुक्रवार की शाम को कश्मीर यूनिवर्सिटी के फाइन आर्ट्स छात्रों ने एसबी का एस्पिनवॉल हाउस में हुए प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

स्टूडेंट्स बिएन्नाले एसबी की प्रदर्शनी का काम और प्रमुख कोची-मुजिरिस बिएन्नाले का कार्य एक समान चल रहा है जिसको कश्मीर यूनिवर्सिटी के छात्रों के प्रयोग के लिए रखा गया।क्षेत्र को काला और सफेद चित्रित किया गया है जो ना ही प्राकृतिक उदारता के साथ जन्नत है और ना ही हिंसक मिलिटेंट की जगह है। लेकिन सामान्य आदमी खुद को विरोधी सेना के बीच में पिसता हुआ महसूस कर रहा है, उन के लगातार हो रहे नुकसान अनकही विपत्ति जो रोज़ वहां हो रही है यह सब एक बड़े पैमाने पर अनदेखा किया जा रहा है। यह सब छात्रों ने प्रदर्शन द्वारा बेहतरीन तरह से दर्शाया और इसका प्रमाण दिया।

छात्रों द्वारा किया गया प्रदर्शन उनके काम पर आधारित था जिसको बनाने में घाटी की रोज़ मर्रा की चीज़ों का प्रयोग किया गया और अखबारों की कटिंग और चित्रिय विवरण द्वारा 2016 के गर्मी के की तरफ इशारा किया गया जब घाटी अशांत माहौल और लंबे समय के कर्फ्यू के लागू होने के बाद से अचानक से एक खायी में गिर गयी।

लेकिन सभी का कार्य एक साथ इकट्ठा कर के प्रदर्शित करना बहुत कठिन था। शो के बाद एसबी अध्यक्ष आर्यकृष्णन छात्रों से मई के आखिरी में घाटी में मिले हालाँकि स्तिथी में गड़बड़ी होने के कारण बात नहीं कर पाए। एक महीने बाद पिछले बिंन्नाले के दौरान स्तिथी कुछ बेहतर हुई तो 10 छात्र और एक फैकल्टी का सदस्य बिएन्नाले के लिए कोची रवाना हुए। इन छात्रों का काम कोट्टाचेरी ब्रोथेर्स में प्रदर्शित किया जा रहा है।