कश्मीरी ख़वातीन की इजतिमाई इस्मत रेज़ि

श्रीनगर 20 अक्टूबर (पी टी आई) जम्मू -ओ-कश्मीर के इंसानी हुक़ूक़ कमीशन ने आज रियास्ती हुकूमत से कहा है की वो ज़िला कुपवाड़ा के देहातों कोनान और पाशपूरा में 20 साल क़बल फ़ौजी जवानों की जानिब से देही ख़वातीन की मुबय्यना इजतिमाई आबरूरेज़ी के वाक़िया की तहक़ीक़ात का दुबारा आग़ाज़ करे।

रियास्ती इंसानी हुक़ूक़ कमीशन की डीवीझ़न बंच ने इस मुक़द्दमा पर अपनी सिफ़ारिशात का ऐलान करते हुए रियास्ती हुकूमत से कहा कि वो एक ख़ुसूसी तहक़ीक़ाती टीम तशकील दी, जो 1991-ए-में फ़ौजी ओहदेदारों और मुलाज़मीन की जानिब से कम से कम 31 ख़वातीन की इजतिमाई आबरूरेज़ी के वाक़िया की दुबारा तहक़ीक़ात करेगी। कोनान और पाश पूरा देहातों की दर्जनों ख़वातीन ने दावा किया है की 23 और 24 फरवरी 1991-ए-की दरमयानी शब फ़ौजी जवानों ने उन की इजतिमाई आबरूरेज़ी की थी।

कमीशन के सदर नशीन जस्टिस (रिटायर्ड) सय्यद बशीर-उद-दीन अहमद और जावेद काबूस ने कहा कि ख़ुसूसी तहक़ीक़ाती टीम किसी सपरनटनडनट पुलिस के रुतबा के ओहदेदार की क़ियादत में क़ायम की जाये।

रियास्ती हुकूमत से कहा गया है की वो इस्तिग़ासा के डायरैक्टर के ख़िलाफ़ भी क़ानूनी कार्रवाई करे, जिन्हों ने साज़िशी अनासिर के नाक़ाबिल दस्तयाब होने के सबब मुक़द्दमा बंद करने की सिफ़ारिश की थी।

कमीशन ने इस वाक़िया की शिकार ख़वातीन को फी कस 2 लाख रुपय मुआवज़ा अदा करने की हिदायत भी की है ।