कश्मीर: “ईद उल अज़हा” इंसानी खून से रंगीन, दो शहीद, 22 घायल

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने ईद के मौके पर भी उत्पीड़न व हिंसा जारी रखा है और देश विरोधी प्रदर्शनों के दौरान झड़पों में दो लोग शहीद और 22 घायल हो गए हैं।

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राज्य के अधिकारियों ने ईद के मौके पर मुसलमानों को स्वतंत्र गतिविधि एवं देश विरोधी विरोध से रोकने के लिए कर्फ्यू रखा था मगर फिर भी घाटी के विभिन्न शहरों और कस्बों में कश्मीरियों ने विरोध रैलियां निकाली और तीन स्थानों पर भारतीय बलों और प्रदर्शनकारियों में झड़पें हुई हैं।
सुरक्षाबलों ने कश्मीर घाटी की राजधानी श्रीनगर, उत्तरी शहर बांड पुरा और दक्षिणी शहर शोपियां में प्रदर्शनों पर काबू पाने के लिए आंसू और गैस के गोले फेंके और पैलेट गोलियां चलाई हैं।
अधिकारियों ने ईद गाहों और बड़ी मस्जिदों में ईद की नमाज के लिए सम्मेलनों का आयोजन करने की अनुमति नहीं दी जिसके कारण कश्मीरियों ने अपने पड़ोस की मस्जिदों या नजदीकी जगहों पर नमाज़ ईद उल अज़हा अदा की है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 1990 के बाद छब्बीस साल में यह शायद पहला मौका है कि श्रीनगर में ईदगाह और दरगाह हजरत बल पर ईद के समारोहों का आयोजन नहीं हुआ. नगर में कर्फ्यू के कारण अधिकांश व्यापारिक केंद्र और दुकानें बंद रही हैं और लोगों ने अपने घरों में बंद रहकर ईद गुज़ारी है. बगैर पायलट जासूस विमान भी राज्य की हवाई निगरानी करते रहे हैं।