कश्मीर की सूरत-ए‍-हाल(स्थिति) बेहतर मगर बाअज़ शिकायात मौजूद, सदर जमहूरीया(राष्ट्रपति) का तास्सुर(छवि)

मर्कज़ी और रियास्ती हुकूमतें कश्मीरी अवाम की ज़िंदगी को बावक़ार बनाने पुराज़म, प्रणव मुकर्जी के दो रोज़ा दौरा-ए-वादी का इख़तताम(अंत)

कश्मीर की सूरत-ए-हाल(स्थिति) बेहतर हो रही है, सदर जमहूरीया(राष्ट्रपति) प्रणव मुकर्जी ने आज ये बात इस वादी को अपने दो रोज़ा दौरे का इख़तताम करते हुए कही, जिस के दौरान उन्हों ने आबादी के मुख़्तलिफ़(विभिन्न ) गोशों से बात की और उन्हें गवर्नर एन एन वोहरा और चीफ़ मिनिस्टर उमर‌ अबदुल्लाह की तरफ‌ से ब्रीफिंग भी दी गई। मुझे अच्छा तास्सुर मिला है कि हालात बेहतर हो रहे हैं, उन्हों ने श्रीनगर से बज़रीया आई ए एफ़ तय्यारा अपनी वापसी के दौरान सहाफ़ीयों(पत्रकारों) को ये बात बताई जब सूरत-ए‍हाल(स्थिति) पर उन के जायज़े के ताल्लुक़(संबंध) से पूछा गया।

मुकर्जी ने कहा कि उन्हों ने बड़ी तादाद में ग्रुपों से मुलाक़ात की और मुख्तलिफ़-उन-न्नौअ(विभिन्न मुद्दों पर)बात हुई है । इनमें फ्रूट गरोयरस एसोसिएशन, सअफ़्रन गरोयरस एसोसिएशन, आरटज़न एसोसिएशन (जिसके मुखिया अध्यक्ष जे के पीसी सी सैफुद्दीन सोज़ हैं), अखिल भारतीय गुजर महासभा, ऑल पार्टीज़ सुख कवारडिंेशन समिति और जम्मू एंड कश्मीर पहाड़ी एसोसिएशन शामिल हैं.

राष्ट्रपति ने कहा कि वह विशेष रूप से इस बात से प्रभावित हुए कि उन्होंने कल श्रीनगर में कश्मीर विश्वविद्यालय के कानवोकेशन में जो मीरट पुरस्कार दिए, इन में से 85 फ़ीसद लड़कीयों को हासिल हुए। कॉन्वोकेशन ख़िताब में उन्हों ने रियासत के अवाम तक रसाई की सुई करते हुए तस्लीम किया कि कुछ शिकायात ज़रूर हैं और हर कश्मीरी की ज़िंदगी को यक़ीनी तौर पर बावक़ार(प्रतिष्ठित) बनाने का वाअदा किया।

सदर जमहूरीया(राष्ट्रपति) ने कहा कि रियास्ती और मर्कज़ी दोनों हुकूमतें(राज्य और केंद्र दोनों सरकारें ) ये यक़ीनी बनाने पुराज़म हैं कि कश्मीर के अवाम मुसावी हुक़ूक़ और मुसावी मवाक़े रखते हुए बावक़ार ज़िंदगी गुज़ारें। सदर जमहूरीया(राष्ट्रपति) जिन्हों ने कल डल झील में मोटरबोट की सवारी का लुतफ़ उठाया, उन्हों ने कहा कि ख़स-ओ-ख़ाशाक को निकाल देने से इस झील के बड़े हिस्सों को पाक-ओ-साफ़ बनाने में मदद मिली है।

कल शब सदर जमहूरीया ने दानिश्वरों के ग्रुप से मुलाक़ात की और उन्हें बताया कि वाइस चांसलरों और माहिरीन तालीम को चाहीए कि टैगोर के जज़्बा-ए-आफ़ाक़ीयत और तकसीरीत को उभारें। उन्हों ने इन से अपील की कि ना सिर्फ ऊंचे मयारात क़ायम करें बल्कि उन्हें पराज्यकलाल असास पर बरक़रार भी रखें। सदर जमहूरीया((राष्ट्रपति)) से मुलाक़ात करने वाले दानिश्वरों में प्रोफ़ैसर अबदुलवहीद वाइस चांसलर, सैंटर्ल यूनीवर्सिटी औफ़ कश्मीर, प्रोफ़ैसर तलअत अहमद वाइस चांसलर, कश्मीर यूनीवर्सिटी शामिल हैं।