श्रीनगर 25 जुलाई: कश्मीर में मुख़्तलिफ़ सियासी जमातों बीजेपी की हलीफ़ पीडीपी ने अलहिदगी पसंदों और पाकिस्तान के साथ बातचीत की हिमायत की है लेकिन मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला राजनाथ सिंह ने अलहिदगी पसंदों से बातचीत का इमकान मुस्तर्द कर दिया। साथ ही पाकिस्तान से कहा कि वो कश्मीर पर अपना ज़हन तबदील करे। तशद्दुद से मुतास्सिरा वादी के दो-रोज़ा दौरे के बाद श्रीनगर में ज़राए इबलाग़ के नुमाइंदों से बातचीत करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि सिक्योरिटी फोर्सेस को हुजूम पर जहां तक मुम्किन हो सके प्लेट गन्स इस्तेमाल ना करने की हिदायत दी गई है।
उन्होंने कहा कि इस ग़ैर मोहलिक हथियार के इस्तेमाल के बारे में क़ायम करदा कमेटी की रिपोर्ट का इंतेज़ार है। मर्कज़ ने कश्मीर के अवाम तक पहूंचने की पहल करते हुए उनके साथ जज़बाती वाबस्तगी की ख़ाहिश ज़ाहिर की। राजनाथ सिंह ने कहा कि हम कश्मीर के अवाम के साथ ज़रूरत पर मबनी ताल्लुक़ात के नहीं बल्कि जज़बाती ताल्लुक़ के ख़ाहां हैं। उन्होंने वादी में अमन और आम हालात की बहाली के लिए जिनसे भी ज़रूरत हो बातचीत की रजामंदी ज़ाहिर की। राजनाथ सिंह ने अपने क़ियाम के दौरान तक़रीबन 30 वफ़ूद से मुलाक़ात की।
उन्होंने पाकिस्तान को सख़्त पयाम देते हुए ख़बरदार किया है कि वो हिन्दुस्तान के दाख़िली मुआमलात में मुदाख़िलत ना करे। उसे कश्मीर के ताल्लुक़ से अपना रवैया और तर्ज़-ए-अमल तबदील करना चाहीए। उन्होंने कहा कि कश्मीर की सूरत-ए-हाल को बेहतर बनाने के लिए किसी तीसरी ताक़त की ज़रूरत नहीं। पाकिस्तान का रोल कश्मीर के बारे में पाक नहीं।
उन्होंने कहा कि जहां तक हकूमत-ए-हिन्द का ताल्लुक़ है वो अपना ये मौकुफ़ वाज़िह करना चाहते हैं कि कश्मीर के साथ जज़बाती ताल्लुक़ बेहतर किया जाये। उन्होंने वादी में अवाम तक पहूंचने की कोशिश करते हुए कहा कि रियासत में अमन और आम हालात की बहाली में मदद करें।
राजनाथ सिंह ने कहा कि जो कोई रियासत में अमन और आम हालात बहाल करने का ख़ाहां है हम इस से बात करेंगे। जब उनसे पूछा गया कि क्या अलहिदगी पसंदों से किसी तरह की बातचीत की जाएगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि पहले अमन बहाल होने दीजिए। हम यहां चीफ़ मिनिस्टर से बात करेंगे और उन्हें एतेमाद में लेने के बाद ही बातचीत की जाएगी। उन्होंने कहा कि हुकूमत प्लेट गन्स के इस्तेमाल का जायज़ा लेगी और पहले ही इस ताल्लुक़ से कमेटी क़ायम की गई है जो दो माह में अपनी रिपोर्ट पेश कर देगी।