जम्मू-कश्मीर की PDP-BJP गठबंधन सरकार ने बुरहान वानी के बड़े भाई खालिद वानी की मुठभेड़ में हुई हत्या के एवज में वानी परिवार को मुआवजा दिए जाने की घोषणा की है। आपको बता दें कि खालिद वानी 13 अप्रैल 2015 को सेना के साथ हुए एक मुठभेड़ में मारा गया था। मालूम हो कि वानी परिवार लंबे समय से खालिद के मुठभेड़ को फर्जी बताता आ रहा है।
नवभारत टाइम्स के अनुसार महबूबा मुफ्ती सरकार के इस फैसले की जमकर आलोचना हो रही है। जो मुआवजा वानी परिवार को दिया जाना है, वह उन आम नागरिकों को मिलता है जो कि आतंकी वारदातों या फिर आतंकवादियों के खिलाफ की गई सैन्य कार्रवाई में अपनी जांन गंवाते हैं।
मीडिया खबरों के मुताबिक, खालिद की मौत के 20 महीने बाद सरकार ने वानी परिवार के लिए मुआवजे का एलान किया है। आपको बता दूँ कि सरकार द्वारा ऐलान किए गए इस मुआवजे में साफ तौर पर खालिद को ‘आम नागरिक’ बताया गया है। सेना द्वारा आतंकी ठहराए गए व्यक्ति को पीड़ित मानकर उसके परिवार को मुआवजा दिए जाने की घोषणा से राज्य सरकार की खासी आलोचना हो रही है।