कश्मीर में अलाहदगी पसंदों की हड़ताल

श्रीनगर

मामूलात-ए-ज़िंदगी मफ़लूज , वज़ीर-ए-आज़म के दौरा के पेशे नज़र इम्तेनाई अहकाम नाफ़िज़

वादी कश्मीर में आज अलाहदगी पसंद ग्रुप्स के आम हड़ताल के एलान से मामूलात-ए-ज़िंदगी मफ़लूज होगए जबकि ओहदेदारों में शहर के चंद इलाक़ों में वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी के अव्वलीन इंतेख़ाबी जल्सा-ए-आम के पेशे नज़र इम्तेनाई अहकाम नाफ़िज़ करदिए। ओहदेदारों ने शेरे कश्मीर क्रिकेट स्टेडीयम के अतराफ़ दो कीलोमीटर के दायरे में नाका बंदी करदी।

इसी स्टेडियम में इंतेख़ाबी जल्सा-ए-आम मुक़र्रर है। अवाम की नक़ल-ओ-हरकत पर पाबंदी आइद करदी गई है। पुलिस ओहदेदारों का कहना है कि सिर्फ़ फ़ौज की गाडियों को जलसे के मुक़ाम तक आने जाने की इजाज़त है। अवाम को तलाशी के बाद पैदल पेशरफ़त की इजाज़त दी जा रही है।

अलाहदगी पसंद ग्रुप्स बिशमोल हुर्रियत कान्फ़्रेंस के तमाम ग्रुप्स ने वज़ीर-ए-आज़म के दौरा वादी कश्मीर के ख़िलाफ़ बतौर-ए‍-एहतेजाज आम हड़ताल का ऐलान किया है, जबकि असेम्बली इंतेख़ाबात जारी हैं। दुकानें, दफ़ातिर, तिजारती इदारे, तालीमी इदारे बंद रहे। सरकारी दफ़ातिर और बैंक्स में हाज़िरी मुतास्सिर रही।

अवामी ट्रांसपोर्ट पूरी वादी की सड़कों से ग़ायब था। ख़ानगी कारें, ऑटोरिक्शा और टैक्सीयाँ चंद मुक़ामात पर चलती नज़र आएं। वज़ीर-ए-आज़म के दौरे के पेशे नज़र पूरे शहर श्रीनगर में सख़्त हिफ़ाज़ती इंतेज़ामात किए गए थे। निगरानी के लिए स्टेडियम के ऊपर हेलिकॉप्टर्स‌ परवाज़ कररहे थे।

अतराफ़-ओ-अकनाफ़ के इलाक़ों पर भी निगरानी रखी गई थी। फ़ौज, पुलिस, नियम फ़ौजी सी आर पी एफ़ काफ़ी तादाद में शहर श्रीनगर में तैय‌नात की गई थी। कई चौराहों पर जैसे डल गेट, सोनावर, गपकर रोड और टी आर सी चौराहा की नाका बंदी करदी गई थी ताकि सयान्ती मश्क़ को अमली एतबार से यक़ीनी बनाया जा सके।

शहर के दीगर मुक़ामात पर मोटर गाडियों की तलाशी फ़ौज की जानिब से ली जा रही थी। शहर के दीगर इलाक़ों में इधर उधर घूमने वाली मोटर गाडियों की भी तलाशी ली जा रही थी। शहर में दाख़िले के मुक़ामात पर रुकावटें खड़ी करदी गई थीं ताकि अस्करीयत पसंद सुबू ताज की कोई कार्रवाई करने खु़फ़ीया तौर पर शहर में ना दाख़िल हो सकीं।

वज़ीर-ए-आज़म के जलसे के मुक़ाम के अतराफ़ मकानों की छतों पर फ़ौज का अमला मोर्चे सँभाले हुए था। नरेंद्र मोदी फ़ौज के बादामी बाग़ हेडक्वार्टर्स का भी दौरा करके गुज़िश्ता जुमा उरी में मोहलिक अस्करीयत पसंद हमले में हलाक होने वाले फ़ौजीयों को ख़िराज-ए-अक़ीदत भी पेश करेंगे|