कश्मीर में ख़ुसूसी इख़्तेयारात क़ानून ज़रूरी फ़ौज

पठानकोट: फ़ौज ने जम्मू-कश्मीर में ख़ुसूसी इख़्तेयारात हासिल रहने सीम ताल्लुक़ क़ानून को मंसूख़ करने के किसी भी इक़दाम की मुख़ालिफ़त की है और कहा कि अगर ऐसा किया जाता है तो सिक्योरिटी फोर्सेस ने तख़रीबकारी और दर-अंदाज़ी को रोकने के सिलसिले में जो कामयाबियां हासिल की हैं उनकी यकसर नफ़ी हो जाएगी।

जनरल ऑफीसर कमांडिंग एन चीफ़ वेस्टर्न कमान लेफ्टेनेंट जनरल के जय सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हमें मुसल्लह अफ़्वाज को ख़ुसूसी इख़्तेयारात का क़ानून बरक़रार रखने की ज़रूरत है। ये क़ानून जम्मू-कश्मीर में बरक़रार रहना चाहिए। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में कुछ सियासी जमातों की तरफ‌ से इस क़ानून की तंसीख़ के लिए किए जानेवाले मुतालिबात से मुताल्लिक़ सवाल के जवाब में ये तबसेरा किया।

उन्होंने कहा कि मौजूदा सूरत-ए-हाल में हमें ये समझने की ज़रूरत है कि इन क़वानीन को बरक़रार रखा जाये। अगर उन्हें ख़त्म किया जाता है तो सिक्योरिटी फोर्सेस ने अब तक जो कामयाबियां हासिल की हैं उनकी नफ़ी हो जाएगी। सूरत-ए-हाल जो बेहतर हुई है वो ख़त्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस क़ानून की वजह से दर-अंदाज़ी में कमी हुई है|