कश्मीर में जुगाड़ से चल रहा है इंटरनेट

श्रीनगर। कश्मीर में फेसबुक और व्हाट्सएप समेत 22 सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर लगाया गया प्रतिबंध प्रभावी नजर नहीं आ रहा है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप व कई अन्य साइटें पूरी तरह क्रियाशील हैं।

 

 

 

इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले ब्राडबैंड इंटरनेट की मदद से प्रतिबंधित साइटों को देख रहे हैं। कई जगह लोग एक-दूसरे को वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) के जरिये प्रतिबंधित साइटों के इस्तेमाल के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

 

 

 

अब कश्मीरी स्वतंत्र रूप से उपलब्ध तकनीक की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे वीडियो और चित्रों के फैलाव को कम करने के प्रयासों को कम किया जा रहा है। कश्मीर विश्वविद्यालय के कर्मचारी ज़हूर अहमद ने शुक्रवार को प्रतिबंध लगाए जाने के दो दिन बाद फेसबुक पर कई लोगों से संपर्क किया।

 

 

 

 

 

प्रतिबंध की घोषणा के पहले भी हम जानते थे कि सोशल मीडिया तक पहुंचने के वैकल्पिक तरीके हैं। यह साधारण बात है क्योंकि यहां पर इंटरनेट प्रतिबंध भी लागू किया गया था। अहमद के अनुसार वैकल्पिक तरीकों में वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्किंग (वीपीएन) टूल्स और एन्क्रिप्टेड मैसेंजर सर्विसेज जैसे कि सिग्नल, इंटरनेट पर ओपन सोर्स सॉफ़्टवेयर के रूप में उपलब्ध हैं।

 

 

 

 

अब वीपीएन ने घाटी में लोकप्रियता हासिल कर ली है क्योंकि सरकार ने 22 वेबसाइटों और सेवाओं को ब्लॉक करने के लिए बुधवार को सेवा प्रदाताओं को निर्देशित किया है जिसमें मैसेजिंग एप्लिकेशन व्हाट्सएप भी शामिल है। श्रीनगर स्थित ब्लॉगर मुहम्मद फयसाल ने 12 आवेदनों की एक सूची साझा की है।

 

 

 

 
सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगाने के बजाय अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बड़े वीडियो या तस्वीरें साझा नहीं की जाएँ। एक व्यक्ति जो कश्मीर में सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा नहीं कर सकता हमेशा कश्मीर के बाहर बैठे किसी से मदद ले सकता है।

 

 

 

 

गुड़गांव स्थित साइबर मीडिया रेसेराक के प्रमुख विश्लेषक फैसल कावासा ने कहा कि जब आप वीपीएन जैसे प्रॉक्सी अनुप्रयोगों का इस्तेमाल करते हैं तो आपकी पहचान छिपी रहती है। व्हाट्सएप एक विकल्प है लेकिन फ़ायरवॉल के लिए कठिन है।

 

 

 

 

श्रीनगर में विधानसभा चुनाव के दौरान आठ लोगों की मौत के बाद इस महीने फिर से हिंसा हुई थी। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने वादी में शरारती तत्वों द्वारा हालात बिगाड़ने के लिए फेसबुक, ट्विटर व व्हाट्सएप के दुरुपयोग का संज्ञान लेते हुए बुधवार को कश्मीर में 22 सोशल नेटवर्किंग साइट्स को अगले एक माह तक बंद करने का निर्देश जारी किया था।