न्यूयॉर्क: जम्मू-कश्मीर में जारी हिंसा की खबरें भले ही भारतीय मीडिया से नदारद हों, लेकिन विदेशी मीडिया में यह सुर्खियों में है। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने घाटी में भारतीय सुरक्षा बलों के कार्रवाई को बर्बर करार और बुजदिली बताया है। अखबार ने अपने संपादकीय में चेतावनी देते हुए लिखा है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो इससे आतंकवाद को और बढ़ावा मिलेगा।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने शनिवार को प्रकाशित अपने संपादकीय में कहा है कि भारत सरकार को कश्मीर में मानवाधिकार की सुरक्षा को सुनिश्चित करनी चाहिए। अखबार की टिप्पणी ऐसे ऐसे समय आई हैं जब कश्मीर में एक नागरिक को मानव ढाल बनाकर सैन्य वाहन से बांधा जाने के बाद लगातार हिंसा जारी है।
इसके लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है कि पथराव करने वाली भीड़ से बचने के लिए फारूक अहमद डार को सेना का मानव ढाल बनाना मानवाधिकार उल्लंघन के लंबे इतिहास के सबसे निचला स्थर है।
Here's the video as well. A warning can be heard saying stone pelters will meet this fate. This requires an urgent inquiry & follow up NOW!! pic.twitter.com/qj1rnCVazn
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) April 14, 2017
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने इस संपादकीय का शीर्षक ‘कश्मीर में बर्बरता और बुजदिली’ दिया है और उसमें लिखा है कि ‘सोशल मीडिया पर चले इस वीडियो के जरिए प्रकाश में आई घटना कश्मीर में लगभग तीन दशकों से चल रहे आतंकवाद की गहराई का अंदाजा लगाने में मदद करती है।
संपादकीय में लिखा गया है कि भले ही भारत के सैन्य प्रमुख जनरल विपिन रावत का डार को जीप से बांधने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई लेकि जब उन्होंने जब चेतावनी दी कि कश्मीर के पथराव करने वाले युवा और अलगाववादी आतंकी आज ही भले बच जाएं लेकिन कल हम उन्हें पकड़ ही लेंगे। और हमारा कठोर अभियान जारी रहेगा तो बयान विरोधाभाष के भरा हुआ लगा।
संपादकीय टीम ने इस अपने इस लेख में चेतावनी दी है कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो कश्मीर भंवर में फंस जाएगा जिससे और अधिक बर्बर सैन्य तौर तरीके, निराशा और आतंकवाद को बढ़ावा मिलेगा।