कश्मीर में क़ुरआन शरीफ की बेहुरमती पर एहतिजाज (प्रदर्शन)

बारामुला रोड पर आज एहितजाजी मुज़ाहिरे किए गए क्योंकि का यहां क़ुरआन मजीद की मुबय्यना (कथित तौर पर) बेहुरमती का वाक़िया पेश आया और एक इबादतगाह को नज़र-ए-आतिश करने ( आग लगाने ) की कोशिश की गई थी । हुकूमत जम्मू-ओ-कश्मीर ने इल्ज़ाम आइद किया ( आरोप लगाया है ) कि ये इक़दामात रियासत ( राज्य) में हालात बिगाड़ने की साज़िश है ।

कहा गया है कि सैंकड़ों अफ़राद ने क़ौमी शाहराह ( रार्ट्रीय राजमार्ग) पर पहूंच कर एहतिजाज किया जबकि एक इबादतगाह के करीब से क़ुरआन शरीफ के मुक़द्दस औराक़ ( पन्ने) दस्तयाब हुए थे । कहा गया है कि क़ुरआन शरीफ का एक और नुस्ख़ा करीब में जले हुए हालत में दस्तयाब हुआ है ।

मुक़ामी अफ़राद ( स्थानीय लोगों) ने इल्ज़ाम आइद किया कि कल रात एक इबादतगाह को नज़र-ए-आतिश करने ( आग लगाने) की कोशिश भी की गई है । एहितजाजियों को नमाज़ जुमा की अदायगी के लिए पुरअमन अंदाज़ में मुंतशिर ( तितर बितर) कर दिया गया था

ताहम ( यद्वपी) वो नमाज़ के बाद फिर नारा बाज़ी करने लगे । रियासती वुज़रा मिस्टर अबदुर्रहीम राथेर और आग़ा रूह उल्लाह ने एक मुशतर्का प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान कहा कि ये वाक़ियात ( घटना) रियासत में तशद्दुद भड़काने की साज़िश का हिस्सा हैं ।

कुछ अनासिर (मूल तथ) हैं जो रियासत का अमन-ओ-ज़बत दरहम ब्रहम (माहौल खराब)करना चाहते हैं। गुज़शता दो दिन से पूरी वादी कश्मीर में श्रीनगर के मज़ाफ़ाती (दूर के) इलाक़ा खान्यार में 200 साल क़दीम ( पुरानी) दरगाह दस्तगीर साहिब वाक़्य( मौजूद) खान्यार की आतिशज़दगी ( आग) में तबाही के ख़िलाफ़ बंद मनाया जा रहा था।