श्रीनगर: कथित तौर पर ‘राष्ट्र विरोधी गतिविधियों’ में शामिल होने के आरोप में जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने 12 अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है | इन पर आरोप है कि इन्होने राज्य में अशांति को फेलाने में भूमिका निभाई है । सूत्रों ने मुताबिक कई अन्य लोगों पर भी बारीकी से नज़र रखी जा रही है ।
उनकी बर्खास्तगी का आदेश बुधवार शाम को दिया गया। समाचार एजेंसी आईएएनएस ने सूचना दी की बर्खास्त होने वाले कर्मचारियों में कश्मीर विश्वविद्यालय के सहायक रजिस्ट्रार समेत राज्य सरकार की शिक्षा, राजस्व, सार्वजनिक स्वास्थ्य, इंजीनियरिंग और खाद्य आपूर्ति विभाग से अधिकारी शामिल हैं ।
समाचार एजेंसी ने एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से बताया कि, “राज्य पुलिस द्वारा उनकी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों पर तैयार की गयी रिपोर्ट मुख्य सचिव को भेजी गयी थी, जिसने सम्बंधित विभागों के मुख्य अधिकारीयों को इन अधिकारीयों की सेवाओं को समाप्त करने के आदेश जारी किया था।”
पिछले दिनों हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादी बुरहान वानी को सुरक्षा बलों द्वारा मारे जाने के बाद कश्मीर में हुयी हिंसक झड़पों में 8 जुलाई तक 90 से अधिक लोग मारे गए हैं और 12,000 से अधिक घायल हो गये थे। केंद्र सरकार ने कहा है कि हिंसक विरोध प्रदर्शन और पत्थर फेंकने वालों विद्रोहियों को पाकिस्तान द्वारा समर्थन और प्रोत्साहन किया गया था।
यह कश्मीर में उग्रवाद के 26 साल के इतिहास में दूसरा मौका है जब अधिकारीयों को राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में बर्खास्त किया गया है |
1990 में, पांच अधिकारियों को उनके अलगाववादी समर्थक होने के कारण बर्खास्त कर दिया गया था। उस समय इसके विरोध में कश्मीर में सरकारी कर्मचारियों द्वारा तीन महीने लंबी हड़ताल की गयी थी।