कश्मीर संकट के समाधान के लिए यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल घाटी के दौरे पर

श्रीनगर: कश्मीर घाटी में 8 जुलाई को हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वाणी की मौत के साथ शुरू हुई विरोध प्रदर्शन की लहर और हड़ताल मंगलवार को 109 वें दिन में प्रवेश कर गया जो एक रिकार्ड है. घाटी में पिछले 109 दिनों के दौरान सुरक्षा बलों के हाथों कम से कम 90 नागरिक मारे गए जबकि 15 हजार अन्य घायल हो गए हैं. घायलों में से सैकड़ों नागरिक जिनमें बड़ी संख्या युवाओं की है, जिनमें एक या दोनों आँखों की दृष्टि खो चुके हैं, और शारीरिक रूप से हमेशा के लिए विकलांग हो गए हैं.

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PRADESH 18 के अनुसार, कश्मीर घाटी में पिछले साढ़े तीन महीने से जारी संकट को समाप्त करने के लिए एक पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को घाटी पहुंची है, हालांकि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा के नेतृत्व वाले इस प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट किया है कि वह भारत सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहा है, बल्कि कश्मीरियों की पीड़ा को जानने और समझने के लिए निजी रूप से यहां आए है. श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने के तुरंत बाद वे सीधे बुजुर्ग अलगाववादी नेता और हुर्रियत (ग) के अध्यक्ष सैयद अली गिलानी के निवास पर पहुंचे, जहां वह पिछले छह महीने से नज़रबंद रखे गए हैं. श्री गिलानी के साथ हुई मुलाकात की तफसील बताने से बचते हुए श्री सिन्हा ने बुजुर्ग अलगाववादी नेता के निवास के बाहर संवाददाताओं को बताया कि हुर्रियत नेता के साथ बातचीत बेहद सुखद माहौल में हुई. श्री सिन्हा ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल यहां अलगाववादी नेताओं के साथ बातचीत करने के इरादे से आया हुआ है. हालांकि उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि प्रतिनिधिमंडल भारत सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहा है, बल्कि कश्मीरी जनता की पीड़ा को जानने के लिए आया है. इस पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में पूर्व बियुरोकरेट वजाहत हबीबुल्लाह, पूर्व एयर मार्शल कपिल कॉकटेल, प्रसिद्ध पत्रकार भारत भूषण और सेंटर फार सुलह के कार्यकारी निदेशक शशोबा बर्वे भी शामिल हैं.
गौरतलब है कि 4 सितंबर को चार सदस्यीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जिसमें माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा नेता डी राजा, जदयू नेता शरद यादव और आल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन के प्रमुख असद ओवैसी शामिल थे, उन्होंने अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी, मीरवाइज़ मौलवी उमर फारूक और मोहम्मद यासीन मलिक से मुलाकात की कोशिशें की थीं, लेकिन उनकी सारी कोशिशें नाकाम हो गई थी. उस समय चश्मा शाही हिट नुमा जेल में नजरबंद मीरवाइज़ और हम हमह पुलिस कस्टडी में कैद यासीन मलिक ने बैठक से इनकार किया था, वहीं श्री गिलानी ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों, येचुरी और राजा के लिए अपने आवास के दरवाजे बंद कर दिए थे.
कश्मीर के व्यापार संघों का कहना है कि हड़ताल के कारण घाटी की अर्थव्यवस्था को दैनिक औसत 120 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है. इस राशि को 100 से गुणा किया जाए तो घाटी को पिछले 109 दिनों के दौरान 13 हजार 80 करोड़ के नुकसान का सामना करना पड़ा है. सबसे अधिक नुकसान परिवहन, वाणिज्यिक और पर्यटन क्षेत्रों का हुआ है.