श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज कहा कि सांसदों जो सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के रूप में घाटी की यात्रा करना चाहते हैं, सुनिश्चित करें कि पूर्व प्रतिनिधिमंडल की सिफारिशों पर अमल किया जाए।
उन्होंने अपने ट्विटर पर बताया कि साल 2010 में यूपीए सरकार ने घाटी में इस तरह के विरोध के मद्देनजर तीन सामंजस्य कारों नामित किया गया जो एक रिपोर्ट सरकार को पेश की थी। सांसदों को चाहिए कि यह रिपोर्ट सदन में पेश करने के लिए दबाव डालें, जबकि सामंजस्य कारों में प्रतिष्ठित पत्रकार दिलीप पडगांवकर, शिक्षाविद राधा कुमार और पूर्व सूचना आयुक्त एमएम अंसारी शामिल थे।