कश्मीर में सर्दी की शिद्दत में हर गुज़रने वाले दिन के साथ इज़ाफ़ा ही होता जा रहा है। मौसम के दौरान सिर्फ़ एक दिन ऐसा आया था जहां कश्मीरियों को सर्दी से कुछ राहत मिली थी लेकिन उसके बाद लद्दाख और कश्मीर मुसलसल सर्दी की लपेट में हैं जहां दर्जा-ए-हरारत नुक़्ता-ए-इंजिमाद तक पहुंच चुका है।
श्रीनगर में कम से कम दर्जा हरारत मनफ़ी 1.2 डिग्री रेकॉर्ड किया गया। महिकमा मौसमियात के एक ओहदेदार ने ये बात बताई। क़ाज़ी गुंड, पहलगाम, कुपवाड़ा मुस्तक़र और गुलमर्ग में सर्दी की वजह से कारोबार भी बंद रहे और सय्याहों ने भी होटलों से बाहर निकलने की जुर्रत नहीं की। सुइंग के लिए मशहूर गुलमर्ग के बर्फ़ानी पहाड़ आज और बर्फ़ की दबीज़ तह वाले बर्फ़ानी मैदान सुइंग के शौकीन सय्याहों की अदमे मौजूदगी का शिकवा करते नज़र आए।
दूसरी तरफ़ चन्दीगढ़ से मिलने वाली ख़बरों के मुताबिक़ पंजाब और हरियाणा में तीसरे रोज़ भी हालात में कोई तबदीली नज़र नहीं आई जो मुसलसल सर्दी और धुंद की लपेट में हैं। हरियाणा और पंजाब का मुशतर्का दारुल-ख़लाफ़ा चन्दीगढ़ अपनी सर्दियों के लिए मशहूर है। यहां के एयरपोर्ट पर हद बसारत 50 मीटर से भी कम रही जिस की वजह से कई फ़्लाईटस ताख़ीर का शिकार हुईं।
महिकमा मौसमियात ने अमृतसर, पटियाला, लुधियाना, हिसार, करनाल और अनुबाला में भी शदीद सर्दी और धुंद की पेश क़यासी की है। गुजिश्ता दो दिनों में शदीद धुंद की वजह से शहर के कई इलाक़ों में ट्राफिक जाम के वाक़ियात रुनुमा हुए जहां दिन के वक़्त भी रात का गुमान होरहा और सड़क पर चलने वाली गाड़ियों की हेड लाईटस की वजह से बिलकुल ऐसा मालूम होरहा है जैसे रात का आलम हो ।
ट्रेनों की आमद-ओ-रफ़त भी ताख़ीर का शिकार हुई। चन्दीगढ़ में कम से कम दर्जा हरारत 7.8 डिग्री रेकॉर्ड कियागया। कुपवाड़ा में सैप की पैदावार के इलावा दीगर ज़राअती सरगर्मियां भी शदीद सर्दी की वजह से ठप पड़ चुकी हैं। बर्फ़बारी की वजह से खेतों में हर तरफ़ बर्फ़ फैल जाने से वहां हल चलाना मुश्किल होजाता है।