कश्मीर ,हिंदूस्तान का अटूट हिस्सा, अन्ना हज़ारे

रालयगननई दिल्ली। 15 अक्टूबर, (पी टी आई) जम्मू कश्मीर पर प्रशांत भूषण के ख़्यालात से ख़ुद को दूर रखते हुए अन्ना हज़ारे ने आज कहा कि इन की टीम इस बात का फ़ैसला करेगी कि आया उन्हें टीम में बरक़रार रखा जाय या नहीं। ताहम अन्ना हज़ारे टीम ने दावा किया कि गानधयाई क़ाइद ने ये हरगिज़ नहीं कहा कि प्रशांत भूषण को कवर कमेटी से हटा दिया जाना चाहिये। अन्ना हज़ारे के आबाई वतन रालय गाॶं सिद्धि में अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए हज़ारे ने कहा कि हम लोग इस बात का फ़ैसला बाद में करेंगी। वो इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि आया भूषण को मज़बूत लोक पाल क़ानून बनाने केलिए जारी उन की लड़ाई में शामिल रखा जाएगा या नहीं। हज़ारे ने कहा कि फ़िलहाल वो हमारी टीम का हिस्सा हैं। जम्मू कश्मीर में इस्तिसवाब आम्मा कराने केलिए उन की वकालत पर नई दिल्ली में दाएं बाज़ू की इंतिहापसंद तंज़ीम के तीन नौजवानों ने हमला किया था। प्रशांत भूषण को ज़िद-ओ-कूब करने के वाक़िया के बाद मुल्क भर में हंगामा हुआ है। इस वाक़िया के दो दिन बाद अन्ना हज़ारे टीम की कोर कमेटी का एक इजलास मुनाक़िद हुआ ताहम हज़ारे और किरण बेदी ने जो उस वक़्त एम्सटर्डम में हैं इजलास में शरीक नहीं हुईं। हज़ारे ने कहा कि भूषण का ब्यान टीम की राय नहीं है।उन्हों ने टीम को ये बात नहीं बताई, उन की ये ज़ाती राय है इस के लिए टीम ज़िम्मेदार नहीं। भूषण के ख़्यालात क्या हैं इस ताल्लुक़ से कोई मुआहिदा नहीं हुआ है, हम इस तरह के ब्यानात को पसंद नहीं करते ये हमारी राय नहीं है। हज़ारे ने कहा कि कश्मीर हिंदूस्तान का अटूट हिस्सा है। वो मुल्क केलिए जो कुछ करेंगे वही रियासत केलिए भी करसकते हैं। जम्मू कश्मीर हिंदूस्तान का है हिस्सा रहेगा। 74 साला गानधयाई क़ाइद ने कहा कि प्रशांत भूषण को टीम की जानिब से अपने ख़्यालात ज़ाहिर करने से पहले इजाज़त लेनी चाहीए लेकिन ज़ाती तबसरों पर उन्हें इजाज़त की ज़रूरत नहीं है। किरण बेदी ने कहा था कि प्रशांत भूषण के रिमार्कस उन की शख़्सी राय है। किरण बेदी उस वक़्त एम्सटर्डम में हैं। समाजी कारकुन स्वामी अग्नी वेश जो क़ब्लअज़ीं अन्ना हज़ारे की टीम के साथ थे कहा कि हक़ की आवाज़ को ताक़त के ज़रीया दबाया नहीं जा सकता। जम्मू कश्मीर का हिंदूस्तान के साथ ताल्लुक़ है यही क़तई फ़ैसला है।इसी दौरान प्रशांत भूषण ने कश्मीर पर अपने तबसरा को दरुस्त क़रार देते हुए कहा कि वो अपने ब्यान पर क़ायम हैं। उन्हों ने दावा किया कि सिर्फ ख़्यालात ज़ाहिर करने से समाज के चंद गोशों को ठेस नहीं पहुँचनी चाहिये।इस तरह के ब्यानात का मतलब ये नहीं है कि किसी को ठेस पहुंचाई जाए। मुल्क में फ़ाशिस्ट ज़हन फ़रोग़ पारहे हैं, कई अफ़राद इस ज़हन के साथ उभर रहे हैं और तंज़ीमें भी सरगर्म हैं। अगर कोई किसी की राय से मुत्तफ़िक़ नहीं है तो वो उसे निशाना नहीं बना सकती। हर शख़्स अपना मौक़िफ़ ज़ाहिर करने का हक़ रखता है लेकिन इस के बहाने किसी को मार पीट करने का लाईसैंस नहीं मिलना चाहिये।