हुकूमत जम्मू-ओ-कश्मीर ने जी बी पंत हॉस्पिटल श्रीनगर के मेडीकल सुप्रीटेंडेंट को 368 बच्चों की जारीया साल यक्म जनवरी से ताहाल अम्वात ( मौत) के बाद बरतरफ़ ( बर्खास्त) कर दिया।
मोतमिद सेहत-ओ-तिब्बी तालीम एम के द्विवेदी ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि डाक्टर शौकत अली ज़रगर को जी बी पंथ हॉस्पिटल में नामालूम बच्चों की कसीर ( ज़्यादा/अधिक) तादाद में हलाकतों की बिना पर ख़िदमात से अलैहदा ( अलग) कर दिया गया है। इब्तिदाई ( प्रारम्भिक/ पहली) तहक़ीक़ात से इन्किशाफ़ हुआ कि दवाख़ाना में ज़रूरी आलात , अरकान अमला यहां तक कि इंतिज़ामी सतह पर बाहमी तआवुन (एक दूसरे की मदद) का फ़ुक़दान है।
हुकूमत ने हॉस्पिटल के मेडीकल सुप्रीटेंडेंट की फ़ौरी बरतरफ़ी ( फौरन बर्खास्तगी) का हुक्म दिया है और पुलिस की तहक़ीक़ात की तकमील ( समाप्ती/खत्म) तक उन्हें मुअत्तल (पद/ओहदा से हटाना) रखने की हिदायत दी है। ओहदेदार ने तौसीक़ (पुष्टी) की कि जनवरी से अब तक हॉस्पिटल में 368 बच्चों की अम्वात ( मौत) हो चुकी हैं।
क़ब्लअज़ीं दिन में आज़ाद रुकन ( सदस्य) असेंबली इंजीनीयर राशिद ने हॉस्पिटल के रूबरू एहितजाजी (वाद विवाद) मुज़ाहरा ( प्रदर्शन) किया था और डॉक्टर्स पर इल्ज़ाम आइद (आरोप लगाया) किया था कि वो बच्चों के इजतिमाई (सामूहिक, सबके) क़ातिल हैं। रुकन असेबली ने हॉस्पिटल के डॉक्टर्स के ख़िलाफ़ पुलिस में शिकायत भी दर्ज करवाई है। ओहदेदार ने अम्वात ( मौत) की तादाद ( संख्या) बताते हुए कहा कि फ़रवरी में 66 , मार्च 105, अप्रैल में 85 और जारीया साल 15 मई तक 44 बच्चों की अम्वात ( मौतें) हो चुकी हैं।