कश्मीर : 4 दिन से नहीं मिली कोई मदद ,माँ की लाश को कंधे पर लादकर ले जाने को मजबूर सैनिक

हिमस्‍खलन की वजह से कश्मीर में हालात काफी ख़राब हैं |  हाल के दिनों में हिमस्‍खलन की वजह से करीब 20 सैनिकों की मौत हो चुकी है|  कश्‍मीर घाटी के कुछ हिस्‍सों में बिजली और संचार लाइनें बहाल कर दी गई हैं, मगर ज्‍यादातर एरियाज में अभी भी समस्‍या बनी हुई है|
पठानकोट में तैनात 25 साल के अब्‍बास की मां, सकीना बेगम उनके साथ ही रहती थीं | पांच दिन पहले उनका इन्तेकाल हो गया | जवान का कहना है कि उनसे वायदा किया गया था जब वह लाश के साथ कश्‍मीर लौटेंगे स्‍थानीय प्रशासन द्वारा हेलिकॉप्‍टर का बंदोबस्‍त किया जाएगा| सैनिक ने एनडीटीवी को बताया कि प्रशासन हमें लाश के साथ इंतजार कराता रहा लेकिन कभी हेलिकॉप्‍टर नहीं भेजा|अब्बास ने कहा कि ये बेहद शर्मिंदगी भरा है |

गुरुवार को कश्‍मीर के इस युवा सैनिक ने अपनी मां की लाश को कंधे पर लादकर गांव की तरफ बढ़ना शुरू किया है| एनडीटीवी रिपोर्ट के मुताबिक़ सैनिक के साथ उसके कुछ रिश्‍तेदार हैं जो एलओसी के नजदीक स्थित गांव जा रहे हैं|  हालांकि अपने घर पहुंचकर मां को वहां दफनाने के लिए, मोहम्‍मद अब्‍बास नाम के इस सैनिक को उस रास्‍ते से गुजरना होगा जहां पिछले कुछ दिनों से भारी बर्फबारी हो रही है|  करीब 50 किलोमीटर की ट्रेकिंग में कम से कम 10 घंटों का समय लगेगा। जिस प्रमुख हाइवे का इस्‍तेमाल वह कर रहे हैं, वह करीब 6 फीट की बर्फ में घिरा हुआ है| अब्‍बास ने एनडीटीवी को बताया कि यह एक खतरनाक ट्रेक है|  हम मेरी मां की लाश के साथ बर्फ से जूझ रहे हैं|  हम जिस रास्‍ते से गुजर रहे हैं, वहां हिमस्‍खलन का खतरा ज्‍यादा है|
कुपवाड़ा जिले के अधिकारियों का कहना है कि उन्‍होंने गुरुवार को हेलिकॉप्‍टर का इंतजाम किया था। एक अधिकारी ने कहा कि हमने एक चॉपर का इंतजाम किया था, लेकिन परिवार ने सुविधा लेने से इनकार कर दिया कि उन्‍हें मौसम की समझ नहीं है और पता नहीं कि हेलिकॉप्‍टर उड़ान भर पाएगा या नहीं|

जबकि जवान ने सरकार के दावों से इनकार करते हुए कहा कि हम चार दिन तक सरकार की मदद का इंतजार किया|  इस सुबह, कुपवाड़ा में अधिकारियों ने हमारा फोन तक उठाना बंद कर दिया|