कसादबाज़ारी को रोकने इक़दामात ज़रूरी: वज़ीर-ए-आज़म

प्रीटोरिया 19 अक्टूबर, ( पी टी आई) यूरोज़ोन बोहरान के तरक़्क़ी पज़ीर ममालिक पर मनफ़ी असरात मुरत्तिब होने का इंतिबाह देते हुए वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने आज यूरोप और दीगर मुतमव्विल ममालिक से कहा कि वो कसादबाज़ारी को रोकने के लिए मूसिर इक़दामात करें।

आलमी मईशत को दुहरे कसादबाज़ारी की खाई में गिरने से रोकने केलिए मूसिर और आजलाना इक़दामात ज़रूरी हैं। उन्होंने ये भी कहाकि हिंदूस्तान, ब्राज़ील, जुनूबी अफ़्रीक़ा तीन सरकरदा उभरती मईशतें हैं जो आलमी हुक्मरानी में पाई जाने वाली ख़ामीयों को दूर करने केलिए अपनी कोशिशों को मुत्तहदा तौर पर जारी रखे हुए हैं।

उन्हों ने मौजूदा हक़ायक़ की रोशनी में अक़वाम-ए-मुत्तहिदा सलामती कौंसल की तौसीअ के लिए ज़ोर दिया। यूरोप में बढ़ते हुए क़र्ज़ के बोहरान और कसादबाज़ारी के रुजहान से आलमी मईशतों की रिवायती असर पज़ीरी मुतास्सिर हो रही है।

अमरीका, यूरोप और जापान से सारी दुनिया की मालीयाती और सरमाया मार्किट को बुरे और मनफ़ी इशारे मिल रहे हैं, इस से ज़ाहिर होता है कि अमरीका जैसे बड़े ममालिक मआशी तबाही की सिम्त बढ़ रहे हैं।

मनमोहन सिंह यहां हिंदूस्तान, ब्राज़ील, जुनूबी अफ़्रीक़ा चोटी कान्फ़्रैंस से इफ़्तिताही ख़िताब कर रहे थे। उन्हों ने कहा कि तरक़्क़ी पज़ीर ममालिक को इन तबदीलीयों के मनफ़ी असरात से बचाया नहीं जा सकता। इन तबदीलीयों के ज़रीया रौनुमा होने वाले चैलेंजस से निमटने में इन की सलाहीयतों का मनफ़ी असर पड़ेगा।

हमें तवक़्क़ो है कि यूरोप और दीगर तरक़्क़ी याफ़ता मईशतें कसादबाज़ारी को रोकने केलिए मूसिर और आजलाना इक़दामात करेंगी। इन की कोशिशों से सरमाया और मालीयाती मार्किटों में सुकून बहाल होगा। आलमी मईशत को तबाही के समुंद्र में गोते लगाने से बचाया जाएगा।आइन्दा माह के अवाइल में कीन्स मैं मुनाक़िदा G-20 चोटी कान्फ़्रैंस के सिलसिला में मनमोहन सिंह ने कहा कि हिंदूस्तान, ब्राज़ील, जुनूबी अफ़्रीक़ा (BSA) ममालिक को तरक़्क़ी पज़ीर मईशतों की तरहीजात को यक़ीनी बनाने केलिए अपने मौक़िफ़ पर डटे रहना चाहीए ताकि इस ग्रुप के अरकान में अपनी बात मनवाने में कामयाब हो सकें।

BSA की पांचवीं कान्फ़्रैंस में मआशी और मालीयाती बोहरान से मुतास्सिर होने वाले अमरीकी और मग़रिबी ममालिक के मौज़ू पर भी ग़ौर-ओ-ख़ौज़ किया जाएगा।

इस के इलावा बैन-उल-अक़वामी मालीयाती इदारों की हुक्मरानी और अक़वाम-ए-मुत्तहिदा में इस्लाहात पर तवज्जा दी जाएगी। मनमोहन सिंह ने कहाकि हम आलमी हुक्मरानी में पाई जाने वाली कोताहियों को दूर करने की अपनी कोशिशों को मुत्तहदा तौर पर जारी रखेंगी। अक़वाम-ए-मुत्तहिदा सलामती कौंसल की तौसीअ ज़रूरी ही।आई बी एसए ममालिक के ख़ुसूसी नकात अगर हक़ीक़त पसंदाना जायज़ा लिया जाय तो अक़वाम-ए-मुत्तहिदा सलामती कौंसल के ग़ैर मुस्तक़िल अरकान के मसाइल पर भी ग़ौर की जा सकता ही।इन तीनों ममालिक ने मुख़्तलिफ़ मसाइल पर अपनी सलाहीयतों का लोहा मनवाया ही।

इस साल अगस्त में आई बी एसए के वफ़द ने दमिशक़ का दौरा करते हुए सदर बशारालासद से बातचीत की और उन मुल्कों में शाम के अहम सयासी रोल को कारआमद बनाने पर ज़ोर दिया गया।