सनअति शहर जमशेदपुर में मंदी का असर तेजी से देखने को मिल रहा है। रुपयों में हुई गिरावट से हालत और खराब हो गयी है। इसका सबसे ज्यादा असर एंसिलरी यूनिट पर पड़ा है। मंदी की वजह 19 हजार से ज़्यादा आरजी मजदूरों को काम से बैठा दिया गया। उनकी रोजी-रोटी छिन गयी। इसमें टाटा स्टील, टाटा मोटर्स के आरजी मजदूर भी शामिल हैं। हालत यहां तक पहुंच गयी है कि तीन महीने में तंगहाली से तीन लोगों ने जान दे दी है। 18 हजार से ज़्यादा लोग नौकरी की तलाश में या तो शहर छोड़ चुके हैं या फिर बेरोजगारी में दिन गुजार रहे हैं।
आदित्यपुर पर सबसे ज़्यादा असर
आदित्यपुर सनअति इलाका पर सबसे ज़्यादा असर देखने को मिल रहा है। टाटा मोटर्स में मुसलसल हुए ब्लॉक क्लोजर के बाद से यह हालात पैदा हुए हैं। इसका सीधा असर सनअति इलाक़े की करीब 120 यूनिट पर डाइरेक्ट और इंडायरेक्ट तौर पर पड़ा है। आम हालत में यहां तीन शिफ्ट में काम हुआ करता था। अब ऑर्डर नहीं मिलने के वजह कई कंपनियों में एक शिफ्ट काम हो रहा है। कुछ कंपनियों में काम बिल्कुल ही नहीं है।
टाटा स्टील का घाटा
टाटा स्टील को पिछली तिमाही में 6,528 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। सिर्फ जमशेदपुर में टाटा स्टील को एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ। मुसलसल तिमाही में नुकसान ही हुआ है।
सरकार मदद करे
मंदी का असर कारोबार पर पड़ा है। एक हजार से ज्यादा यूनिट बीमार हैं। हुकूमत मंदी से उबरने और सिक यूनिट को बचाने के लिए मंसूबा तैयार करे। रुपयों की गिरावट की वजह ये हालात हुए हैं।
एसके बेहरा, चेयरमैन, सीआइआइ झारखंड