क़तर पर प्रतिबंध लगने के बावज़ूद तेल निर्यात में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई!

क़तर नरेश ने कि जिनका देश पिछले 17 महीनों से सऊदी अरब और संयुक्त अरब इमारात के कड़े प्रतिबंधों का सामना कर रहा है, कहा कि क़तर से बहुत सीमा तक इन प्रतिबंधों के प्रभाव को पार कर लिया है।

इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार क़तर नरेश तमीम बिन हमद आले सानी ने देश की संसद के 47वीं सत्र क आरंभ के अवसर पर अपने भाषण में कहा कि प्रतिबंधों ने हमारे आत्म विश्वास को बढ़ाया है।

उन्होंने कहा कि क़तर की अर्थव्यवस्था विदेशी षड्यंत्रों से सुरक्षित है और प्रतिबंधों से न केवल देश के तेल निर्यात पर प्रभाव नहीं पड़ा बल्कि पिछले एक वर्ष के दौरान क़तर के तेल निर्यात में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

ज्ञात रहे कि सऊदी अरब, संयुक्त अरब इमारात, बहरैन और मिस्र ने 5 जून 2017 को क़तर पर आतंकवाद के समर्थन का आरोप लगाते हुए इस देश से अपने संबंधों को तोड़ लिया और इस देश का समुद्री, हवाई और ज़मीनी परिवेष्टन कर दिया था।

क़तर नरेश ने फ़ार्स खाड़ी सहयोग परिषद के सदस्यों के बीच पाए जाने वाले मतभेदों की ओर संकेत करते हुए कहा कि फ़ार्स की खाड़ी सहयोग परिषद के संबंधों के ख़राब होने के कारण यह संगठन अपने क्षेत्रीय लक्ष्यों और आकांक्षाओं को प्राप्त करने में विफल रहा है।

शैख़ तमीम ने फ़िलिस्तीन के मुद्दे को इस्लामी जगत का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा क़रार दिया और बैतुल मुक़द्दस की राजधानी वाले स्वतंत्र फ़िलिस्तीन देश के समर्थन की घोषणा करते हुए कहा कि मैं विश्व समुदाय से अपील करता हूं कि वह इस्राईल को फ़िलिस्तीन में मानवाधिकार के हनन का उल्लंघन समाप्त करने पर विवश करे।

साभार- ‘parstoday.com’