क़तील सिद्दीक़ी का क़तल , मुस्लमानों के लिए बाइस तशवीश , तंज़ीम इंसाफ़ का ब्यान

हैदराबाद। ११ जून : तंज़ीम इंसाफ़ ने महाराष्ट्रा के इलाक़ा पौने के परोडा जेल में इंडियन मुजाहिदीन के मुश्तबा कारकुन मुहम्मद क़तील सिद्दीक़ी के बीदर दाना क़तल को अक़ल्लीयतों बिलख़सूस मुस्लमानों के लिए तशवीश का बाइस क़रार दिया और कहा कि इस क़तल से शहरा आफ़ाक़ मुसव्विर ऐम एफ़ हुसैन की याद ताज़ा हो गई जो हिंदूस्तानी तहज़ीब-ओ-तमद्दुन की एक अज़ीम शख़्सियत होते हुए भी अपने ही मुल्क में ग़ैर महफ़ूज़ होने का एहसास लेकर देर ग़ैर में अपनी आख़िरी सांस ली।

तंज़ीम इंसाफ़ के सैंटर क़ाइदीन जनाब सय्यद अली उद्दीन अहमद असद , जनाब मीर मक़सूद अली, जनाब सय्यद अमीर मुहम्मद अमजद और जनाब सय्यद हमीद उद्दीन अहमद महमूद ने कहा कि छोटे मन घड़त इल्ज़ामात मुक़द्दमात का सामना करते हुए सैंकड़ों मुस्लिमा नौजवानों ने हुकूमत पुलिस और तफतीशी इदारों के साथ मुकम्मल तआवुन करते हुए अपनी हुब्ब-उल-व्तनी, वतन-ए-अज़ीज़ पर मर्रमिटने का जज़बात का अमली मुशाहिदा किया लेकिन बावजूद इस के सितम ज़रीफ़ी ये है कि फ़िकरोपरस्त अफ़राद अपने वजूद का एहसास दिलाते हुए मुस्लमानों में हुकूमत के एतिमाद को नुक़्सान पहूँचाने की कोशिशों में मुनहमिक हैं।

मर्कज़ी-ओ-रियास्ती हुकूमतों के साथ साथ वज़ारत-ए-दाख़िला, पुलिस, अनटलीजनस , तहक़ीक़ाती एजैंसीयों का भी ये फ़रीज़ा बनता है कि वो शफ़्फ़ाफ़-ओ-ग़ीरजानबदाना अंदाज़ में वाक़ियात की तहक़ीक़ करें और उसे मंज़रे आम पर য৒ब लाएंगे।