इस ने जारी किया है दोनों समुद्रों को जो आपस में मिल रहे हैं। इन के दरमयान आड़ है आपस में गुडमुड नहीं होते। (सूरा रहमन।२०,१९)
इस आयत का मायना ये है कि अल्लाह ताला ने दोनों पानी मीठे और खारे को आज़ाद छोड़ दिया है। अपनी अपनी जगहों में बह रहे हैं, कभि कभि आपस में मिल भी जाते हैं, लेकिन एक दूसरे का मजा नहीं बदलता। क़ुदरत ने इन दोनों के दरमयान एक एसी रुकावट खडी करदी है, जो दिखाई नहीं देती, लेकिन मज़बूत इतनी है कि उन्हें आपस में गुड मुड नहीं होने देती। मीठा पानी अलग और कड़वा अलग मिलों एक साथ बहता चला जाता है।
ये मैंने खुद देखा है कि हम ने दो मुख़्तलिफ़ वादीयों में दो नाले बहते देखे, एक का रंग नीला था और दूसरे का सफ़ैद, वो एक जगह आकर इकट्ठे हो जाते हैं और कई फर्लांग तक हम इस के किनारे किनारे चलते गए। दोनों पानी एक साथ बहने के बावजूद आपस में गुडमुड नहीं हुए।
समुंद्र में सफ़र करने वाले लोगों ने अजीब इन्किशाफ़ात किए हैं कि समुंद्र में जहां खारा पानी ठाठें मार रहा होता है, इस के दरमियान में मीठे पानी के कतरें होते हैं। समुंद्र में सफ़र करने वाले उन से अपने पिने के लिये पानि जमा कर लेते हैं।