क़ुरआन-ए-मजीद के मुनफ़रद ऑनलाइन सॉफ्टवेर का जुमेरात को इफ़्तेताह

हैदराबाद 14 जून: सोश्यल मीडिया के इस दौर में इस मीडिया का खासतौर पर दावते दीन के लिए बेहतर अंदाज़ में इस्तेमाल किया जा सकता है। दुश्मनाँ इस्लाम की लाख कोशिशों के बावजूद मुख़्तलिफ़ मुल्कों, इलाक़ों और क़बाइल-ओ-ग्रुपस से ताल्लुक़ रखने वाले लोग इस्लाम के बारे में जानने के ख़ाहां हैं।

उनमें क़ुरआन-ए-मजीद पढ़ने की तड़प पाई जाती है वो सीरत उन्नबी का मुताला करने में दिलचस्पी रखते हैं। उनमें से कई ऐसे भी हैं जो इंटरनैट पर क़ुरआन-ए-मजीद और सीरत उन्नबी(स०) का मुताला करते हैं। उस के अलावा ख़ुद हमारी नई नसल भी सोश्यल मीडिया का बहुत ज़्यादा इस्तेमाल कर रही है। एसे में उसे उस के शौक़ के मुताबिक़ दीन की तरफ राग़िब करने के लिए सोश्यल मीडिया का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस ज़िमन में इदारा सियासत टेक्नालोजीज़ लिमिटेड और जूदा इन्फ़ो लिंगूटेक प्राइवेट लिमिटेड के इश्तिराक-ओ-तआवुन से मैनेजिंग एडीटर सियासत ज़हीरुद्दीन अली ख़ां और चीफ़ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर JILT अबु-अल-ख़ैर सिद्दीक़ी की निगरानी में अपनी तर्ज़ का एक मुनफ़रद ऑनलाइन सॉफ्टवेर तैयार किया गया है जो हिन्दुस्तान की दस इलाक़ाई ज़बानों में आलमी मयार पर मबनी क़ुरआन-ए-मजीद के इस ऑनलाइन सॉफ्टवेर की तैयारी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अब्बू मज़हर ख़ालिद सिद्दीक़ी पी एचडी रिसर्च स्कॉलर-ओ-डायरेक्टर JILT रहे।

रोज़नामा सियासत ने क़ुरआन-ए-मजीद के इस ऑनलाइन सॉफ्टवेर का इफ़्तेताह भी इस माह-ए-सियाम में करने का फ़ैसला किया क्युं कि माह रमज़ान उल-मुबारक नुज़ूल क़ुरआन का महीना है। 16 जून को FAPCCI आडीटोरीयम, रेड हिलस, लक्कड़ी का पुल, हैदराबाद में शाम 4 बजे एक ख़ुसूसी तक़रीब में इस सॉफ्टवेर का इफ़्तेताह अमल में आएगा। एडिटर सियासत ज़ाहिद अली ख़ां सदारत करेंगे। सॉफ्टवेर की ख़ास ख़ूबी ये है कि क़ारईन तक़रीबन 15 करा-ए-किराम की दिल को छू लेने वाली आवाज़ों में तिलावत कलामे पाक सुनने की सआदत हासिल कर सकते हैं।

क़ारईन इस सॉफ्टवेर में तक़रीबन 40 तराजुम और दस तफ़ासीर हैं जिनसे मुख़्तलिफ़ ममालिक से ताल्लुक़ रखने वाले इस्तेफ़ादा कर सकते हैं। उर्दू से नावाक़िफ़ लोगों के लिए ये सॉफ्टवेर एक नेमत है क्युं कि इस में अंग्रेज़ी में लफ़्ज़ बह लफ़्ज़ तर्जुमा की सहूलत दस्तयाब है। हर एक आयत की बाआसानी समाअत की जा सकती है और जो लोग क़ुरआन-ए-मजीद हिफ़्ज़ करना चाहते हैं या सूरतें याद करना चाहते हैं उनके लिए ये सॉफ्टवेर फायदेमंद साबित होगा। जिन दस इलाक़ाई ज़बानों को सॉफ्टवेर की तैयारी में इस्तेमाल किया गया उनमें से किसी भी ज़बान के अलफ़ाज़ की तलाश मुम्किन है , जिससे ये पता लगाया जा सकता है कि मतलूबा लफ़्ज़ क़ुरआन-ए-मजीद में कितनी मर्तबा और किन आयतों में इस्तेमाल हुआ है। इस सॉफ्टवेर के इस्तेमाल करने वाले अलफ़ाज़-ओ-मौज़ूआत के लिहाज़ से भी क़ुरआन-ए-मजीद के मुताला और इस में अपनी तहक़ीक़ जारी रख सकते हैं। मुतअद्दिद तफ़ासीर और तराजुम का तक़ाबुली जायज़ा भी लिया जा सकता है। फ़हम क़ुरआन, तिलावत क़ुरआन और तहफ़ीज़ क़ुरआन के लिए ये सॉफ्टवेर क़ारईन की बहुत मदद करेगा।

अपनी नौईयत का ये मुनफ़रद सॉफ्टवेर एक बेहतरीन करानी सॉफ्टवेर है जो हज़रात फ़हम क़ुरआन के शोक़ीन हैं उनके लिए ये सॉफ्टवेर एक तोहफ़ा है। क़ुरआनयात के मैदान में रिसर्च से वाबस्ता मुहक़्क़िक़ीन-ओ-स्कॉलरस के लिए भी मुफ़ीद है। बहर-ए-हाल अल्लाह ने इस ऑनलाइन सॉफ्टवेर की तैयारी का मौक़ा अता करते हुए सियासत और जूदा इन्फ़ो लिंगूटेक प्राइवेट लिमिटेड के ज़िम्मेदारों पर एहसान अज़ीम किया है। आपको बतादें कि quranhub.net क़ुरआन-ए-करीम का एक वेब एप्लीकेशन है जिसका मक़सद हिन्दुस्तानी ज़बानों में ऑनलाइन क़ुरआन-ए-मजीद के सॉफ्टवेर की तैयारी-ओ-तरवीज है।