क़ुरआन की बेहुरमती ने अफ़्ग़ान तालिबान को फ़ायदा उठाने का मौक़ा दिया

अफ़्ग़ानिस्तान में क़ुरआन मजीद की बेहुर्मती के वाक़िया ने अब् ग़रीब जेल में होने वाली बदसुलूकी के मुनाज़िर ताज़ा कर दिए। इस वाक़िया को लापरवाही क़रार देना दरुस्त नहीं, अमरीकी ग़लती से तालिबान ने भरपूर फ़ायदा उठाया,एक माफ़ी से मुल्क कि मुफ़ादात का तहफ़्फ़ुज़ हो तो इस में बेइज़्ज़ती नहीं ,इराक़ की तरह अफ़्ग़ानिस्तान में ड्रामाई कामयाबियां नहीं मिलीं।अमरीकी अख़बार वाशिंगटन पोस्ट में शाए मज़मून में कहा गया है कि अफ़्ग़ानिस्तान में क़ुरआन मजीद नज़र-ए-आतिश के वाक़िया ने वाईट हाउस में इस सुबह की याद ताज़ा करदी

जब अब्बू ग़रीब जेल में बदसुलूकी की तसावीर सामने लाई गई । बिगराम हवाई अड्डा वाक़िया को लापरवाही क़रार दे कर इस का मुवाज़ना अब्बू ग़रीब जेल में मिल्ट्री पुलिस के वहशयाना तर्ज़ अमल से करना अख़लाक़ी तौर पर दरुस्त नहीं। ओबामा इंतिज़ामीया जिन वाक़ियात का सामना कर रही है वो सिर्फ़ गलतीयां नहीं बल्कि उन के ख़ुद पैदा करदा मसाइल हैं। ऐसे वाक़ियात में सदर का किरदार मुल्की मुफ़ादात के तहफ़्फ़ुज़ को यक़ीनी बनाना है और फ़ौज इस के हुक्म की पाबंद है ।

अगर इन मुफ़ादात को एक माज़रत ख़्वाही से महफ़ूज़ बनाया जा सकता है तो इस में किसी को बेइज़्ज़ती या उन का मसला नहीं समझना चाहिए। इस वाक़िया की अमरीकी ग़लती का तालिबान ने फ़ित्री तौर पर भरपूर फ़ायदा उठाया है। सदर ओबामा के मुल्कीनाक़िदीन और अफ़्ग़ान जंग के मुख़ालिफ़ीन भी ऐसा ही रद्द-ए-अमल ज़ाहिर कररहे हैं।