वाईट हाऊस ने अफ़्ग़ानिस्तान में एक मुश्किल सूरत-ए-हालसे दो-चार होने का एतराफ़ करते हुए इत्तिहादी अफ़्वाज के एक अड्डे पर क़ुरान-ए-पाक की बेहुर्मती के वाक़िया पर सदर बाराक ओबामा की जानिब से की गई माज़रत का दिफ़ा किया है जबकि अमरीकी सदर बाराक ओबामा ने कहा है कि अफ़्ग़ानिस्तान में स्कियोरटी ज़िम्मेदारीयों की बला रुकावट और मुस्तहकम मुंतक़ली ज़रूरी है ताकि अमरीका अफ़्ग़ान हुकूमत को मुस्तक़बिल में इस के इस्तिहकाम और सरहदों की मूसिर हिफ़ाज़त यक़ीनी बनाने के लिए मदद फ़राहम करता रहे।
मीडीया रिपोर्ट के मुताबिक़ वाईट हाऊस में सहाफ़ीयों को दी जाने वाली प्रैस ब्रीफिंग में ये मुआमला मौज़ू ए बहस रहा। क़ुरआन की बेहुर्मती पर सदर ओबामा की माफ़ी से मुताल्लिक़ सहाफ़ीयों के सवालात के जवाब में वाईट हाऊस के तर्जुमान का कहना था कि अमरीका को फ़ग़ानसतान में एक मुश्किल सूरत-ए-हाल दरपेश है, जिस से निकलने के लिए ज़रूरी है कि माज़ी से निकला जाय और अफ़्ग़ानिस्तान में दरपेश अहदाफ़ के हुसूल पर तवज्जा दी जाय।
तर्जुमान का कहना था कि सदर ओबामा इस नतीजे पर पहुंचे थे कि माज़रत करने से ये वाज़िह किया जा सकेगा कि क़ुरआन की बेहुर्मती जान बूझ कर नहीं की गई और ये अमल अमरीकी फ़ौजीयों के तहफ़्फ़ुज़ और फ़लाह के मुफ़ाद में होगा। वाईट हाऊस का ये ब्यान ऐसे वक़्त सामने आया है जबकि अफ़्ग़ानिस्तान में पुर तशद्दुद मुज़ाहिरों का सिलसिला अमरीका की जानिब से इसज़िमन में बाज़ाबता माफ़ी मांगे जाने के बावजूद जारी है।
याद रहे कि सदर ओबामा ने दो रोज़ क़बल अपने अफ़्ग़ान हम मंसब हामिद करज़ई को लिखे गए एक ख़त के ज़रीये अमरीकी फ़ौजी अड्डे बिगराम एयर बेस पर अमरीकी फ़ौजीयों की जानिब से क़ुरआन को नज़र-ए-आतिश किए जाने पर माज़रत की थी।