क़ुरान-ए-पाक से ताअल्लुक़ मज़बूत करने , मुस्लमानों को मश्वरा

दीनी इनामी मुक़ाबला की क़ुरआ अंदाज़ी के मौक़ा पर जनाब ज़ाहिद अली ख़ां और मौलाना क़ासिम सिद्दीक़ी का ख़िताब हैदराबाद /20 अक्तूबर (सियासत न्यूज़) यक्म रमज़ान उल-मुबारकता /29 रमज़ान उल-मुबारक शाय होने वाले दीनी इनामी मुक़ाबला कोपन्नों की क़ुरआ अंदाज़ी आज इदारा रोज़नामा सियासत के महबूब हुसैन जिगर हाल में अमल में आई, जिस में बाज़ौक़ ख़वातीन-ओ-हज़रात ने शिरकत की। हाज़िरीन को मुख़ातब करते हुए जनाब ज़ाहिद अली ख़ां ने कहा कि इन मुक़ाबलों में क़ारिईन की शिरकत और दिलचस्पी इस बात का सबूत है कि मुस्लमानों का लगाव क़ुरान-ए-पाक से बढ़ रहा है, जब कि इदारा सियासत का मक़सद भी यही है कि मुस्लमानों को क़ुरान-ए-पाक से क़रीबतर किया जाए। उन्हों ने कहा कि आज हम मुस्लमान क़ुरान-ए-पाक से दूरी की वजह से कई तरह की परेशानीयों में मुबतला हैं, अगर हमारा ताअल्लुक़ क़ुरान-ए-पाक से पायदार हो जाय तो हमारी सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी। मौलाना क़ासिम सिद्दीक़ी तसख़ीर नायब मुफ़्ती जामिआ निज़ामीया ने अपने ख़िताब में मुस्लमानों को अपना ताअल्लुक़ क़ुरान-ए-पाक से बढ़ाने का मश्वरा दिया और कहा कि जिस तरह की मज़हबी जुस्तजू हमारे इस्लाफ़ में पाई जाती थी, आज वो हमारे अंदर नहीं है। अगर हम दीन-ओ-दुनिया की भलाई चाहते हैं तो क़ुरान-ए-पाक से हमें अपना ताअल्लुक़ मज़बूत कर लेना चाहिए। हमारे इस्लाफ़ ने एक हदीस शरीफ़ की समाअत के लिए तवील मुसाफ़त तै की, जिन की काविश के नतीजे में इस्लाम हम तक पहुंच सका। बादअज़ां क़ुरआ अंदाज़ी अमल में आई, जिस में पहला इनाम मबलग़ दस हज़ार रुपय के मुस्तहिक़ जनाब मिर्ज़ा साजिद बेग, लक्कड़ी का पुल हैदराबाद, दूसरा इनाम मबलग़ पाँच रोईपे के मुस्तहिक़ जनाब एम ए जलील, कश्मीर गड्डा करीमनगर, तीसरे इनाम मबलग़ तीन हज़ार के मुस्तहिक़ जनाब सय्यद वाजिद बूरा बंडा हैदराबाद क़रार दिए गई, जब कि चौथे इनाम मबलग़ दो हज़ार रुपय की मुस्तहिक़ मुहतरमा फ़ातिमा बेगम टोली चौकी हैदराबाद क़रार दी गईं। इलावा अज़ीं 80 तरग़ीबी इनामात फीकस मुबलग़ एक हज़ार रुपय की भी क़ुरआ अंदाज़ी अमल में आई। वाज़िह रहे कि माह रमज़ान उल-मुबारक में कोपन्नों की इशाअत और इनाम याफ़तगान के लिए रक़म की फ़राहमी, रियाज़ (सऊदी अरब) में मुक़ीम हैदराबादी अहबाब और इदारा रोज़नामा सियासत के तआवुन से अमल में आती है।