नई दिल्ली। कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल के बीच ममता बनर्जी सुलह करवाने की तैयारी में जुट गई हैं। दरअसल, ममता बनर्जी मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता को मजबूत कराने के लिए कांग्रेस पर दबाव बना रही है।
दिल्ली की सियासत में कांग्रेस और केजरीवाल सरकार आमने सामने हैं। इसलिए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के कहने पर पार्टी हाईकमान आदमी पार्टी को अपने नेतृत्व वाले विपक्ष के समूह में शामिल कराने से परहेज कर रहा है।
मगर अब उसके लिए ज्यादा लंबे समय तक ऐसा करना मुश्किल होगा। ममता बनर्जी ने कांग्रेस हाईकमान से बात की है और जल्द ही आप को विपक्ष के समूह में शामिल करवाने की मांग की है।
सूत्रों का कहना है कि ममता बनजी ने कांग्रेस नेताओं को कहा है कि राष्ट्रीय हित के लिए विपक्षी दलों को कुछ मुद्दों पर समझौता करना पड़ेगा। माना जाता है कि ममता ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तक को कह दिया है-जब मैं माकपा के साथ बैठ सकती हूं।
सपा और बसपा एक साथ मंच साझा कर रहे हैं। तो कांग्रेस अपने निजी फायदे को भूलकर आम आदमी पार्टी के साथ राष्ट्रीय स्तर पर हाथ क्यों नहीं मिलाती।
आप को विपक्षी मोर्चे में शामिल कराने को लेकर ममता की मांग का कई और दल समर्र्थन कर रहे हैं। राष्ट्रीय जनता दल और समाजवादी पार्टी ने भी इसका समर्थन किया है।
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर बैठक में आप को रखा दूर
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष का एकजुट करने के लिए 18 दलों को बैठक के लिए न्योता दिया था। मगर आम आदमी पार्टी को नहीं बुलाया गया। इसके बावजूद आप ने विपक्ष के उम्मीदवार को समर्थन किया।
एक विधायक वाली रालोद को किया याद पर आप को भुलाया
विपक्ष की एकजुटता के लिए बुलाई गई बैठकों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एक विधायक वाले राष्ट्रीय लोक दल और केरल कांग्रेस को याद करती है मगर दिल्ली में सरकार चला रही आप को भूल जाती है। पंजाब में आप के 18 विधायक है और चार सांसद भी हैं।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन केजरीवाल के हैं खिलाफ
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन आम आदमी पार्टी को विपक्षी एकजुटता में शामिल करने के खिलाफ है।