गठबंधन में गतिरोध दूर करने के लिए कांग्रेस हाईकमान के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री से सीटों के बंटवारे के फॉर्मूले पर चर्चा की। सपा 85 सीटों पर कांग्रेस के तैयार होने पर गठबंधन को हरी झंडी दे सकती है। कांग्रेस नेताओं से कहा गया है कि सिर्फ उनकी पसंद की सीट उनके खाते में नहीं जाएगी। इसके लिए जमीनी हकीकत को देखकर बात की जाए। इस बाबत शनिवार को कोई फैसला हो सकता है।
को जबसे प्रत्याशियों की घोषणा की है, कांग्रेस खेमे में बेचैनी है। दूसरे चरण के नामांकन प्रारंभ हो चुके हैं लेकिन कांग्रेस पहले चरण के प्रत्याशियों को भी फाइनल नहीं कर सकी। कांग्रेस हाईकमान के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार देर शाम तक सीएम अखिलेश के साथ बातचीत की। इसे कांग्रेस की तरफ से गठबंधन बचाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
सपा सूत्रों के मुताबिक सीटों के बंटवारे पर कांग्रेस का अव्यवहारिक रवैया रहा। यदि कांग्रेस की जीती हुई और सपा की विजयी सीटों को छोड़कर अन्य स्थान पर नंबर-2 वाली सीटों की गणना की जाए तो इनकी सीटों की संख्या 54 बैठती है। सपा ने इसमें 30 बढ़ाकर कांग्रेस को 84 सीट देने की पेशकश की है। यह भी कहा गया है कि कांग्रेस अपनी पसंद की सीटों की लिस्ट न दे। उन सीटों की सूची दे जो फॉर्मूले के तहत उसके हिस्से में आ रही हैं।