कांग्रेस का सब की तरक़्क़ी का नारा नया नहीं:मोदी

कोलम (केरला) 26 सितंबर (सियासत डाट काम) सब को साथ लेकर तरक़्क़ी करने के कांग्रेसी नज़रिये पर दरपर्दा तन्क़ीद करते हुए बी जे पी के विज़ारते उज़मा के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि ये नारा मुल्क के लिए कोई नया नारा नहीं है। मज़हबी रहनुमा माता अमृता निंदा माई की 60 वीं यौम-ए-पैदाइश तक़ारीब से ख़िताब करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि आइन्दा साल लोक सभा इंतेख़ाबात के लिए उनकी पार्टी की इंतेख़ाबी मुहिम चंद मिसाली नज़रियात पर मबनी होगी।

रिवायती इक़दार और फ़लसफ़ियाना उसोल मुल्क को अज़ीम ताक़त बन कर उभरने की बुनियाद बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब सब को साथ लेकर तरक़्क़ी करने की बातें की जा रही हैं जो हिन्दुस्तान के लिए नई नहीं है। यही पैग़ाम हमारे संत सदीयों से देते आ रहे हैं। क़दीम हिन्दुस्तानी संतों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को ख़ुशी बख़शने का पैग़ाम इन्ही संतों ने दिया था और हुकमरानों को ईसी नज़रिये के साथ उमोर ममलकत अंजाम देने का सबक़ सिखाया था।

उन्होंने कहा कि वो भी इन्ही नज़रियात से वाबस्ता हैं जिनकी बुनियाद पर हिन्दुस्तान तरक़्क़ी कर सकता और अज़ीम ताक़त बन सकता है। चीफ़ मिनिस्टर गुजरात ने कहा कि मुल्क की तारीख़ में ऐसे कई वाक़ियात मौजूद हैं जिस में ऋषियों ने राजाओं को ये उसूल ज़हन नशीन करवाया था जबकि वो मुस्तक़बिल के हुकमरानों की तर्बीयत कर रहे थे। हालाँकि अर्से में इन्ही उसोलों का अहया मज़हबी रहनुमाओं और मुस्लिहीन जैसे स्वामी विवेकानन्द ने कहा था।

सियासी हवाले से गुरेज़ करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि हालाँकि मुल्क की मौजूदा सूरत-ए-हाल अबतर है लेकिन वो इसका तज़किरा नहीं करेंगे क्योंकि उन्हें यक़ीन है कि एक दरख़शां मुस्तक़बिल हमारा मुंतज़िर है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सूरत-ए-हाल पर बाअज़ अफ़राद नाराज़ हैं। लेकिन उनका पुख़्ता यक़ीन है कि स्वामी विवेकानन्द की तालीमात दुरुस्त साबित होंगी और मुल्क का मुस्तक़बिल दरख़शां होगा।