कांग्रेस की मुसल्लिमा हैसियत ख़त्म करने इलेक्शन कमीशन से दरख़ास्त

नई दिल्ली, ०४ नवंबर ( पीटीआई) जनता पार्टी के सदर सुब्रामणयम स्वामी ने आज इलेक्शन कमीशन से दरख़ास्त की कि कांग्रेस की मुसल्लिमा ( मानी हुई) हैसियत को ख़त्म कर दिया जाए और इल्ज़ाम आइद किया कि इस पार्टी ( कांग्रेस) ने फ़िलहाल बंद एक अख़बार नैशनल हेराल्ड की इशाअत के लिए एक कंपनी को 90 करोड़ रुपए का क़र्ज़ देते हुए क़ानून की ख़िलाफ़वरज़ी की है ।

ताहम ( यद्वपि) कांग्रेस ने इस तनाज़ा ( वीवाद/ झगड़े) पर इंतिहाई सख़्त गीर और जारिहाना तीव्र इख़तियार करते हुए कहा है कि इस ने अपने सयासी फ़रीज़ा ( फर्ज़) को निभाया है और इस अख़बार की मदद के लिए फ़राहम करदा क़र्ज़ पर किसी भी फ़ोर्म पर किसी भी चैलेंज का जवाब देने के लिए तैयार हैं ।

बी जे पी ने उम्मीद ज़ाहिर की है कि डाक्टर स्वामी की दरख़ास्त पर इलेक्शन कमीशन ज़रूरी कार्रवाई करेगा । बी जे पी ने कांग्रेस के इस इस्तिदलाल को कुबूल करने से इनकार कर दिया कि नज़रियात की तरवीज के लिए क़र्ज़ फ़राहम किया गया और इल्ज़ाम आइद किया कि ये मुआमलत रुकमी हेर फेर और रियल स्टेट कारोबार से ताल्लुक़ रखती है ।

डाक्टर सुब्रामणयम स्वामी ने इलेक्शन कमीशन के मौसूमा मकतूब में कहा कि कांग्रेस ने बादियुन्नज़र ( पहली दृष्टि) में इंतिख़ाबी क़वानीन और हती ( यँहा तक) कि इनकम टैक्स क़ानून की ख़िलाफ़वरज़ी की है । चुनांचे इस मसला पर समाअत ( सुनवायी) करना और इस पार्टी की मुस्लिमा हैसियत को ख़त्म करने के बारे में फ़ैसला करना ज़रूरी है ।

इन्होंने गुज़श्ता रोज़ कांग्रेस की सदर सोनीया गांधी और उन के फ़र्ज़ंद राहुल पर इल्ज़ाम आइद किया था कि उन्होंने ये अख़बार शाय करने वाले इदारा एसोसीएटेड जर्नल्स को हासिल कर लिया है और उस को कांग्रेस की तरफ़ से 90 करोड़ रुपए का क़र्ज़ फ़राहम किया गया है ।

डाक्टर स्वामी ने दावा किया कि एसोसीएटेड जर्नल्स को ए आई सी सी से 90 करोड़ रुपए का बला ज़मानती क़र्ज़ फ़राहम किया गया जो बाक़ौल उन (स्वामी) के क़ानून इनकम टैक्स के तहत गै़रक़ानूनी है क्योंकि कोई भी सयासी जमात तिजारती ( ब्यापारिक) मक़ासिद के लिए क़र्ज़ नहीं दे सकती ।

डाक्टर सुब्रामणियम स्वामी के इल्ज़ाम पर कांग्रेस ने शदीद रद्द-ए-अमल का इज़हार किया है । कांग्रेस ने एसोसीएटेड जर्नल्स के मसला पर पैदा शूदा तनाज़ा का सामना करने के लिए जारिहाना अंदाज़ फ़िक्र इख्तेयार करते हुए आज कहा कि इस ने अपने सयासी उसूल-ओ-ज़वाबत की तकमील की है और अपने फ़िलहाल बंद अख़बार नैशनल हेराल्ड की मदद के लिए दिए जाने वाले क़र्ज़ के बारे में किसी भी फ़ोर्म से किए जाने वाले किसी भी चैलेंज का मूसिर ( ताकतवर) जवाब देने के लिए तैयार है ।

कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी जनार्धन द्विवेदी ने जनता पार्टी के सदर डाक्टर सुब्रामणयम स्वामी और बी जे पी पर सख़्त तन्क़ीद करते हुए छोटा प्रोपगंडा चलाते हुए हक़ायक़ को मसख़ करने का इल्ज़ाम आइद किया । मिस्टर द्विवेदी ने तमाम इल्ज़ामात की नुक़्ता ब नुक़्ता तरदीद ( खंडन) करने की कोशिश करते हुए अख़बारी नुमाइंदों से कहा कि जब क़र्ज़ पर सूद ही वसूल नहीं किया गया तो किस तरह उस को तिजारती अग़राज़ का मुआमला क़रार दिया जा सकता है ? ।

बी जे पी लीडर अरूण जेटली के इस इस्तिदलाल का जवाब देते हुए कि कोई भी सयासी जमात सिर्फ़ सयासी मक़ासिद के लिए अपने फ़ंडज़ इस्तेमाल कर सकती है । और बिज़नेस या तिजारती सरगर्मीयों के लिए उस को इस्तेमाल नहीं किया जा सकता मिस्टर द्विवेदी ने कहा कि ये फ़ैसला कोई कर सकता है कि किस सयासी जमात का सयासी काम क्या होना चाहिये ।

उन्होंने कहा कि कोई दूसरी जमात नहीं बल्कि हम ये फ़ैसला करेंगे कि हमारी जमात का सयासी काम क्या होगा । उन्होंने कहा कि बी जे पी को इस बात की इजाज़त नहीं दी जाएगी कि वो हमारे सयासी काम के बारे में कोई फ़ैसला करे । अफ़्वाहें और बेचैनी फैलाना ही बाअज़ जमातों का सयासी काम होता है ।

मिस्टर जनार्धन द्विवेदी ने कहा कि गांधी नहरू के सयासी अफ़्क़ार ( चिंता) की तरवीज-ओ-इशाअत हमारा सयासी काम है । इस मक़सद पर काम करने वाले से हम अवाम , इदारों और वसाइल ( साधन) की हम हौसला अफ़्ज़ाई करते हैं । चूँकि एसोसीएटेड जर्नल्स भी गांधी नहरू के अफ़्क़ार की तरवीज-ओ-इशाअत के लिए काम कर रहा था ।

इसकी हौसलाअफ़्ज़ाई करते हुए हम ने अपने सयासी फ़रीज़ा की तकमील की है । उन्होंने कहा कि नैशनल हेराल्ड का अहया अज़ीम तर एहमीयत का हामिल मसला है । जिस से कांग्रेस के तमाम जज़बात वाबस्ता हैं । जद्द-ओ-जहद आज़ादी को मुस्तहकम करने के लिए पण्डित जवाहर लाल नहरू ने ये अख़बार क़ायम किया था ।

नेहरू सिर्फ़ एक सयासी जमात के लीडर नहीं थे बल्कि वो सारे मुल्क के रहनुमा थे । नैशनल हेराल्ड के अहया से इस के 700 मुलाज़मीन को अपनी तनख़्वाहों के बक़ायाजात हासिल करते हैं मदद मिली है । एसोसीएटेड जर्नल्स के 400 मुलाज़मीन बेघर हो गए थे और लखनऊ में वाक़्य ( मौजूद) इसके दफ़्तर से वाबस्ता 300 मुलाज़मीन बेरोज़गार हो गए थे ।

लेकिन हमें इस बात पर फ़ख़र है कि ना सिर्फ़ इन तमाम बेरोज़गारों को दुबारा रोज़गार दिया गया बल्कि तनख़्वाहें के बक़ायाजात के इलावा प्रोवीडेंट फ़ंड और दीगर फ़वाइद फ़राहम किए गए । मिस्टर जनार्धन द्विवेदी ने कहा कि इस बात पर भी सवालात उठाए गए हैं कि सोनीया गांधी और राहुल गांधी ने एक नई कंपनी यंग इंडियन क़ायम किए हैं और इस कंपनी ने एसोसीएटेड जर्नल्स की कारकर्दगी अपने तहत ली है ।

हालाँकि हक़ीक़त तो ये है कि एसोसीएटेड जर्नल्स का वजूद ख़त्म नहीं हुआ है बल्कि यंग इंडियंस ने इस में अपना हिस्सा लिया है और कोई भी इदारा इस के वजूद को उस वक़्त तक बरक़रार रख सकता है जिससे वो अपने मक़ासिद पूरा करता है तो बेहतर है । इस तरह एसोसीएटेड जर्नल्स को कारकरद बनाया गया । अल-मुख़्तसर सारा क़िस्सा बस यही है ।