मुम्बई। अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने उन आरोपों को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश चुनावों में धर्मनिरपेक्ष मतों का विभाजन कर भारतीय जनता पार्टी की जीत के लिए मार्ग प्रशस्त कर दिया है। ओवैसी ने कहा कि कांग्रेस की यदि हार होती है तो उसके लिए एआईएमआईएम जिम्मेदार नहीं है।
कांग्रेस हमें मुस्लिम वोटों के विभाजन के लिए दोषी ठहराती है लेकिन वास्तविकता यह है कि कांग्रेस का हिंदू वोट भाजपा के पास चला गया है। मैंने धर्मनिरपेक्ष दलों का जीवन नरक बना दिया था। कांग्रेस नेताओं ने मुझे शाप दिया था क्योंकि बिना किसी प्रयास के उनकी सार्वजनिक सभाओं में 5000 लोगों को जुटाया, महत्वपूर्ण बात यह रही कि इसमें 90 प्रतिशत युवा आते थे।
ओवैसी ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी ओडिशा, जम्मू और कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा में कभी भी चुनाव नहीं लड़ी, जहां भी कांग्रेस को अपमानजनक नुकसान हुआ। कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि एआईएमआईएम सिर्फ हैदराबाद की पार्टी है जिसको अपने पंख उस शहर के बाहर फैलाने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए। यह एक सामंती मानसिकता है।
लातूर की रैली को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने एकता का आह्वान किया और मुसलमानों और अन्य वर्गों से उनके अधिकारों के लिए एकजुट होने और देश के संविधान को बनाए रखने का आग्रह किया। हाशिए पर आने का कारण वे एकजुट नहीं हैं और राजनीतिक पार्टियां इसका फायदा उठा रही हैं और देश पर शासन कर रही हैं।
उन्होंने भाजपा और कांग्रेस पर हमला किया तथा कहा कि एक पार्टी धर्मनिरपेक्षता की बात करती है और दूसरी हिंदू राष्ट्र का दावा करती है। ये सभी वास्तव में देश की संमिश्र संस्कृति के दुश्मन हैं। ओवैसी ने लातूर के डॉ बाबा साहब अंबेडकर टाउन हॉल मैदान में अपने भाषण में कहा कि मैं भारत को हिंदू राष्ट्र बनने की अनुमति नहीं देता।